यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) महिलाओं की एक आम समस्या है। जो काफी परेशान करने वाली होती है। कई बार और बार-बार यह इंफेक्शन महिलाओं को अपनी चपेट में ले लेता है, जिससे उन्हें कई प्रकार के शारीरिक कष्ट झेलने पड़ते हैं। यूटीआई की समस्या वैसे तो पुरुषों में भी होती है, लेकिन महिलाओं को इसका ज्यादा सामना करना पड़ता है। हालांकि इसका इलाज हर चिकित्सा में उपलब्ध है। लेकिन कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय भी हैं जिनकी सहायता से हम यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (Urinary tract infection) से बचाव और इसके उपाय के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हीं में से एक हैं क्रैनबेरी (Cranberry)। जी हां, ये आपके यूटीआई के जोखिम में कमी ला सकती है।
यूटीआई और उसके कारणों के बारे में विस्तार से समझने के लिए हेल्थशॉट्स ने सरदार पटेल पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस,लखनऊ की गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रतिभा तिवारी से बात की। आइए जानते हैं कि उन्होंने इस बारे में क्या बताया।
डॉ प्रतिभा कहती हैं, “यूटीआई के पीछे मुख्य कारण ई-कोलाई बैक्टीरिया होता है। जब यूरिनरी ट्रैक इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाता है, तब यह समस्या उत्पन्न होती है। जब ई-कोलाई (E-coli) बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं और ब्लैडर, किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं तब यूटीआई इंफेक्शन होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह संक्रमण इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि महिलाओं का Urethra पुरुषों से छोटा होता है। जिससे बैक्टीरिया आसानी से उस तक पहुंच जाते हैं।
क्रैनबेरी हीदर परिवार से संबंधित फल है। इसे ब्लूबेरी, बिलबेरी और लिंगोनबेरी का रिश्तेदार बताया जाता है। क्रैनबेरी उत्तरी अमेरिका में सबसे ज्यादा उगाई जाती है। लेकिन भारत में भी यह आसानी से उपलब्ध है।
यह स्वाद में हल्की खट्टी होती है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। अक्सर इसका इस्तेमाल जूस के रूप में ही किया जाता है। वहीं इसके खट्टे स्वाद को सुधारने के लिए अन्य फलों का रस मिलाकर भी इसे तैयार किया जाता है। क्रैनबेरी विभिन्न स्वस्थ विटामिन और पौधों के यौगिकों में समृद्ध हैं, जिनमें से कुछ को मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) के खिलाफ प्रभावी दिखाया गया है।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार ताजा क्रैनबेरी में लगभग 90% पानी होता है, लेकिन बाकी ज्यादातर कार्ब्स और फाइबर होते हैं। कच्चे, बिना चीनी वाले क्रैनबेरी के 100 ग्राम में कैलोरी: 46, पानी: 87%, प्रोटीन: 0.4 ग्राम, कार्ब्स: 12.2 ग्राम, चीनी: 4 ग्राम, फाइबर: 4.6 ग्राम, वसा: 0.1 ग्राम हैं।
एनसीबीआई के अनुसार यूटीआई महिलाओं में सबसे आम जीवाणु संक्रमण में से एक है। वे अक्सर आंतों के जीवाणु एस्चेरिचिया कोलाई (ई कोलाई) के कारण होते हैं, जो आपके मूत्राशय और मूत्र पथ की आंतरिक सतह से चिपक जाता है।
क्रैनबेरी में अद्वितीय फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिन्हें ए-टाइप प्रोएथोसायनिडिन या कंडेन्स्ड टैनिन के रूप में जाना जाता है। ए-टाइप प्रोएंथोसायनिडिन्स ई. कोलाई को आपके ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट की लाइनिंग से जुड़ने से रोकते हैं। यही मुख्य कारण है कि क्रैनबेरी यूटीआई के खिलाफ एक उपाय के तौर पर काम करती है।
एनसीबीआई पर मौजूद शोध के अनुसार, अनेक मानव अध्ययनों से पता चला है कि क्रैनबेरी जूस पीने से या क्रैनबेरी के सप्लीमेंट का सेवन करने से यूटीआई का खतरा कम हुआ। और संक्रमण में भी कमी देखी गई।
क्रैनबेरी और बाजार में मिलने वाले इसके सप्लीमेंट ज्यादातर मानव शरीर के लिए सुरक्षित रहते हैं। इसका नियमित उपयोग किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट्स नहीं देता। हालांकि यदि जरूरत से ज्यादा इसका सेवन किया जाए तो यह काफी परेशान कर सकता है। इसके ज्यादा सेवन से डायरिया और पथरी की समस्या भी हो सकती है।
ज्यादातर महिलाएं इसे आम समस्या समझ कर नजरअंदाज करने लगती हैं। लेकिन सही वक्त पर इसका इलाज न करना काफी परेशानी में डाल सकता है। यूटीआई वैसे तो एक आम समस्या है लेकिन लापरवाही बरतने से कई गंभीर लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। डॉ प्रतिभा तिवारी की सलाह है कि लक्षण देखने के बाद यदि कोई उपाय काम नहीं करता है, तो आपको अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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