क्या हैवी मेंस्ट्रूअल ब्लीडिंग बन सकती है एनीमिया का कारण, एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में सब कुछ

हर महीने माहवारी के रूप में हाेने वाला ब्लड लॉस हालांकि सामान्य है और उचित आहार के द्वारा उसे पूरा किया जा सकता है। पर हैवी ब्लीडिंग होने पर आपको ध्यान देने की जरूरत पड़ सकती है।
Heavy bleeding se anemia ki samasya badhne lagti hai
हैवी ब्लीडिंग के चलते बार बार पैड चेंज करने की समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है। चित्र शटरस्टॉक।
अंजलि कुमारी Published: 4 Oct 2022, 21:00 pm IST
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पीरियड के दौरान हर 5 में से 1 महिला हैवी ब्लीडिंग का अनुभव करती है। इसके कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे असहजता, चिड़चिड़ापन और कमजोरी भी महसूस हो सकती है। ऐसे में कई महिलाएं सवाल करती हैं कि क्या पीरियड के दौरान होने वाली ज्यादा ब्लीडिंग उनमें खून की कमी यानी एनीमिया (Does heavy periods cause anemia) का कारण बन सकती है? आइए जानें ये सच है या केवल एक मिथ!

इस बात पर हमेशा ही बहस छिड़ी रही है। क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि पीरियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग के कारण एनीमिया हो सकता है, तो कुछ लोग यह कहते हैं कि मेंस्ट्रुएशन के दौरान होने वाली ब्लीडिंग बॉडी की वेस्टेज होती है।

तो आपको बता दें कि पीरियड के दौरान होने वाली ब्लीडिंग यूट्रस लाइनिंग के ब्रेक होने से होती है यह किसी भी तरह से बॉडी वेस्टेज नहीं है। वहीं इस बारे में पता लगाने के लिए हेल्थ शॉट्स ने एक्सपर्ट से बातचीत की।

पीरियड में हैवी ब्लीडिंग से हो सकता है एनीमिया। चित्र: शटरस्टॉक

हेल्थ शॉट्स ने ऑरा क्लिनिक, सेक्टर 31 गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव सेक्टर 14 की सीनियर कंसलटेंट डॉ रितु सेठी से इस विषय पर बातचीत की उन्होंने एनीमिया और पीरियड से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। तो चलिए जानते है क्या सच में पीरियड बन सकता है एनीमिया का कारण या यह केवल एक मिथक है।

पहले जानते हैं क्या है एनीमिया

डाॅ सेठी कहती हैं, “एनीमिया एक प्रकार का ब्लड डिसऑर्डर है। एनीमिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग रूप से नजर आते हैं। इस समस्या में शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन की मात्रा भी बहुत कम होती है। जिस वजह से शरीर के हर ऑर्गन और टिशू तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता।”

वे आगे बताती हैं, “जबकि हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो बोन मैरो से प्रोड्यूस होता है और रेड ब्लड सेल्स में जाकर स्टोर हो जाता है। यह लंग्स से ब्लड वेसल्स की मदद से ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाने का काम करता है।

सबसे ज्यादा एनीमिया के लक्षण आयरन डेफिशिएंसी के कारण देखने को मिलते हैं। शरीर में आयरन की कमी होने पर हीमोग्लोबिन की मात्रा गिरने लगती है, क्योंकि आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है।

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एनीमिया की समस्या में कारगर होता है आयरन। चित्र: शटरस्टॉक

एनीमिया की समस्या के तीन प्रमुख कारण होते हैं

खून की कमी होने पर।
शरीर में कम रेड ब्लड सेल्स बनने पर।
किसी कारण से ज्यादा मात्रा में रेड ब्लड सेल्स बर्बाद होने पर।

हालांकि, आपको बता दें कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आयरन डेफिशिएंसी के कारण एनीमिया होने की संभावना ज्यादा होती है। इसका कारण है:

हैवी पीरियड
प्रेगनेंसी
डाइट में आयरन, विटामिन B12, फोलेट की कमी
मालएब्सॉर्प्शन डिसऑर्डर और जेनेटिक्स कंडीशन।

क्या हैवी पीरियड बन सकता है एनीमिया का कारण?

डॉक्टर कहती हैं की “हैवी पीरियड्स यानी पीरियड के दौरान 3 से लेकर 5 दिन से अधिक दिनों तक ब्लीडिंग होना या बिना मंथली साइकिल कंप्लीट किए समय से पहले पीरियड आना यह सभी एनीमिया के कारण बन सकते हैं।”

पीरियड के दौरान अधिक ब्लड लॉस होने के कारण ब्लड सेल्स यानी की हीमोग्लोबिन का स्तर भी काफी तेजी से गिरता है। इसी के साथ यह शरीर में आयरन की कमी का कारण बन जाता है। जिस वजह से एनीमिया के लक्षण नजर आ सकते हैं।

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क्या आपको भी होता है पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग। चित्र शटरस्टॉक।

एक्सपर्ट कहती है कि “शरीर में हीमोग्लोबिन के कम होने से ब्लड क्लोटिंग की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में पीरियड के दौरान और ज्यादा ब्लीडिंग होती है। जिस वजह से हीमोग्लोबिन और ज्यादा कम होने लगता है। और आपके अगले पीरियड और ज्यादा हैवी हो सकते हैं। गिरता हीमोग्लोबिन हैवी पीरियड्स का कारण होने के साथ एनीमिया के लक्षणों को उत्तेजित करता है।”

हैवी मेंस्ट्रूअल ब्लीडिंग के कारण होने वाला एनीमिया कई फैक्टर्स पर निर्भर करता हैं, जैसे कि आपका खान-पान और समग्र सेहत। यदि आप डाइट में पर्याप्त आयरन लेने के साथ अन्य पोषक तत्वों का सेवन करती हैं, तो आपको आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया होने की संभावना बहुत कम होती है।

कैसे पता चलेगा कि हीमोग्लोबिन कम हो रहा है

थकान
कमजोरी
सांस फूलना
त्वचा का पीला पड़ना
चक्कर आना
सिर दर्द
चेस्ट पेन
धड़कन की गति का असामान्य रहना

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आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं। चित्र : शटरस्टॉक

ऐसी स्थिति में क्या हो सकता है उपचार ?

डॉ सेठी आयरन युक्त आहार के सेवन की सलाह देती हैं। साथ ही वे सुझाव देती हैं कि अगर आपके पीरियड्स ज्यादा या अनियमित हो रहे हैं, तो डॉक्टर से जरूर बात करें। जरूरत पड़ने पर आप आयरन सप्लीमेंट भी ले सकती हैं। अपने डॉक्टर के दिए गए सुझावों का पूरी तरह से पालन करें। ताकि आप हेल्दी और कम्फर्टेबल रह सकें।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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