प्रीमेन्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) से आपको मूड स्विंग, सिरदर्द और पेट में ऐंठन की समस्या के साथ ही वे पांच दिन और भी ज्यादा मुश्किल हो जाते हैं।
अगर माहवारी दो-दो महीने तक गायब रहती है या फिर कभी एक महीने में दो बार आ जाती है तो निश्चित ही यह एक परेशानी वाली बात है। क्योंकि आप मेंटली 28 दिन के साइकल के लिए तैयार होती हैं।
समय से पहले पीरियड आने से जहां आपको कमजोरी और ज्यादा रक्तस्राव की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, वहीं पीरियड लेट होने से पेल्विक पेन, कमजोर बोन्स, यूट्रस में कॉम्लीकेशन्स और कई बार प्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
पीरियड्स की यह अनियमितता कई बार गर्भ निरोधक उपायों के कारण हो सकती है, तो कभी-कभी आपके खराब लाइफस्टाइल के कारण भी यह समस्या हो सकती है। पर घबराएं नहीं, ये साइंस प्रूव्ड कुछ खास तरीकों को फॉलो करके आप नियमित और हैप्पी पीरियड ले सकती हैं।
अगर आपका लाइफस्टाइल सेडेंटरी है, घंटों तक डेस्क जॉब में रहती हैं, और नेटफ्लिक्स देखते-देखते ही सोने चली जाती हैं – तो आपको अपनी समस्या का कारण ढूंढने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। शारीरिक श्रम की कमी यानी फिजिकल एक्टिविटी की कमी होने के कारण ही आपमें हॉर्मोनल इम्बैलेंसिंग हो गई है, जिसके कारण आपके पीरियड अनियमित हो गए हैं।
समाधान सामने है, इसमें ज्यादा सोचने की जरूरत ही नहीं है कि आपको अपनी जगह से उठना है और एक्सरसाइज के लिए वक्त निकालना है। एजुकेशन एंड हेल्थ प्रमोशन पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार रेगुलर एक्सरसाइज करने से आप मोटापे से बची रहती हैं, हॉर्मोन नियंत्रण में रहते हैं और पीरियड रेगुलर होने लगते हैं। तो डांस करें, कोई एरोबिक्स क्लास ज्वॉइन करें, जिम की मेंबरशिप लें, पार्क में खुली हवा में सैर करने निकलें। कुछ भी करके कम से कम 30-45 मिनट तक शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
पीएलओएस वन (PLOS One) पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार अगर आप बहुत लेट उठती हैं या बहुत जल्दी उठती हैं, चाहें देर रात तक काम करने के कारण या दोस्तों के साथ पार्टी करते हुए, तो इससे आपका स्लीप साइकल प्रभावित होता है। अगर लंबे समय तक आपकी नींद पूरी नहीं होती है तो इसका असर आपके मेन्ट्रुअल साइकल पर भी पड़ता है।
यह कहने की जरूरत नहीं कि आपको वक्त पर सोना चाहिए, और वक्त पर ही उठना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करें कि कम से कम 8 घंटे की अच्छी नींद लें, जिससे आपके पीरियड रेगुलर हो सकें। इससे आपकी ओवरऑल हेल्थ भी अच्छी रहेगी।
फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, “मोटापा और उससे होने वाला हॉर्मोनल असंतुलन सीधे-सीधे अनियमित पीरियड से जुड़ा हुआ है। मोटापे का सबसे पहला कारण आपकी अनहेल्दी ईटिंग है। खाना नहीं खाना, जंक फूड खाना, पोषण की कमी, और ओवर ईटिंग सब मिलकर हॉर्मोनल इम्बैलेंसिंग का कारण बनते हैं। जिससे पीरियड इररेगुलर होने लगते हैं।”
इसलिए यह जरूरी है कि आप एक निश्चित अंतराल के बाद भोजन करती रहें। मील और स्नैक्स में यह भी सुनिश्चित करें कि वे पोषण से भरपूर हों, जिसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, नट्स और साबुत अनाज शामिल हों। इन नियमों को फॉलो करें और देखें कि कुछ ही महीनों में आपके पीरियड फिर से नियमित हो जाएंगे।
आप जानती हैं कि जब आप बहुत ज्यादा तनाव में होती हैं – चाहें काम की वजह से हो या अपने निजी संबंधों की वजह से तो आपकी बॉडी एक तनाव वाला हॉर्मोन रिलीज करती है, जिसका नाम है कार्टिसोल। यह अकेला ही महिलाओं के प्रजनन हॉर्मोन एस्ट्रोजेन को प्रभावित करता है, जो पीरियड साइकल में एक महत्वेपूर्ण भूमिका अदा करता है। तो यह जाहिर है कि तनाव आपके पीरियड को भी प्रभावित करता है।
इस तरह के मसलों को संभालने के लिए जरूरी है कि आप योगा और मेडिटेशन करती रहें। ऑल्टरनेटिव एंड कॉम्लीमेंटरी मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार सप्ताह में अगर आप पांच दिन भी योग और मेडिटेशन के लिए टाइम निकालती हैं, तो इससे आपके हॉर्मोन में संतुलन पैदा होता है, जिससे अनियमित माहवारी की समस्या से बचा जा सकता है।
2011 में हुए एक शोध में शरीर में विटामिन बी, अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और अनियमित माहवारी के बीच सीधा संबंध है। एल्यूमीनियम, आर्सेनिक, कैडमियम, लैड, मर्करी और निकल की कमी होने से शरीर में हॉर्मोन का असंतुलन होने लगता है।
2015 में हुए एक और शोध में यह भी सामने आया कि विटामिन डी की कमी होने से भी औरतों में माहवारी संबंधी समस्या होने लगती है। तो अब यह स्वभाविक है कि अगर आप चाहती हैं कि आपके पीरियड रेगुलर रहें तो आपको अपने भोजन में विटामिन का इंटेक बढ़ाना होगा। अगर तब भी शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन सप्लीमेंट लेने की भी शुरआत कर सकती हैं।
2014 में हुए एक शोध के अनुसार अदरक जैसा सुपरफूड लंबी माहवारी में ज्यादा ब्लड फ्लो को कंट्रोल करता है। खाने में कुछ खास मसालों का प्रयोग जैसे दालचीनी, खाने में छिड़क कर या चाय में एड करके लेने से अनियमित पीरियड से बचाता है। इरानियन रेड क्रीसेंट जर्नल में प्रकाशित स्टडी में इस बात का उल्लेख किया गया है।
2013 में प्रकाशित एक शोध में यह भी दावा किया गया है कि अगर आपको लंबे समय से पीरियड नहीं हो रहे हैं, तो इन्हें नियमित बनाने के लिए आप हर रोज 15 मिली. एपल साइडर विनेगर को पानी में मिलाकर पी सकती हैं।
इंडियन जर्नल ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन में प्रकाशित एक और शोध में यह दावा किया गया है कि कुछ फल जैसे अन्ननास पीएमएस की समस्या से निजात दिलाने में मददगार है। क्योंकि इसमें ब्रोमेलिन नाम का एक खास एंजाइम होता है जो आपके हॉर्मोन को कंट्रोल रखता है।
महिलाओं में कई बार अनियमित पीरियड्स गंभीर पीसीओएस, थायरॉइड की समस्या या गर्भाशय में किसी क्षति के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि अगर पीरियड अनियमित हों तो किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। ताकि आपकी लाइफ और पीरियड दोनों वापस ट्रैक पर आ सकें।