एक्सरसाइज छोड़ने के तीसरे दिन से बढ़ जाता है एंग्जायटी और अवसाद का खतरा, जानिए क्यों जरूरी है रेगुलर वर्कआउट

कभी-कभार बदले हुए शेड्यूल में या किसी विशेष आयोजन के कारण जब आप अपना रेगुलर वर्कआउट स्किप करती हैं, तो इसे दो दिन से ज्यादा स्किप न करें। क्योंकि परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
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हर दिन कुछ मिनट के लिए ब्रेन की एक्सरसाइज करनी चाहिए। चित्र : शटरकॉक
ईशा गुप्ता Updated: 20 Oct 2023, 09:24 am IST
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कभी यात्राओं के कारण, तो कभी घर में विशेष आयोजनों के चलते हम में से बहुत सारे लोग अपना रेगुलर वर्कआउट मिस करते हैं। पर क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि एक्सरसाइज स्किप करने के बाद हमारा चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स बढ़ जाते हैं! एक-दो दिन की रौनक और खुशी के बाद अगर आप भी ज्यादा उदास महसूस करने के लगती हैं, तो ये आपके ब्रेन के कारण होता है। असल में आपके ब्रेन को आपका रेगुलर एक्सरसाइज करना पसंद है। जब आप ऐसा नहीं कर पातीं, तो वह चिड़चिड़ा और बूढ़ा होने लगता है। जानिए इस बारे में क्या कहते हैं विभिन्न शोध।

वर्क आउट फिट रहने के लिए सबसे अच्छा और हेल्दी तरीका है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। रेगुलर एक्सरसाइज करना, न केवल हेल्दी वेट बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि ये हमें कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाए रखता है। पर जब आप किसी भी वजह से एक्सरसाइज करना छोड़ देते हैं, तो इसका प्रभाव आपके शरीर पर नजर आने लगता है। तेजी से वजन बढ़ना, कमजोरी होना या बीमारियों का असर बना रहना आदि। लेकिन क्या आप जानती हैं कि वर्कआउट स्किप करना हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर किस प्रकार असर डाल सकता है?

आपका ब्रेन इन संकेतों में देता है अपनी नाराज़गी के संकेत

1. सोने में परेशानी

अच्छी नींद लेने से हम शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से स्वस्थ रह सकते हैं। जर्नल ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन के अनुसार रोज एक्सरसाइज करने से स्लीप क्वालिटी बेहतर होती है। साथ ही आपकी नींद का समय बढ़ जाता है। जिससे आपको दिन के समय ज्यादा एक्टिव रहने में मदद मिलती है। लेकिन अगर आप वर्कआउट बीच में छोड़ देती है, तो यह आपके स्लीप पैटर्न पर तेजी से असर डालता है।

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वर्कआउट करने से आप मानसिक रूप से भी एक्टिव रहती हैं। चित्र ; शटरस्टॉक

2. डिप्रेशन होने का खतरा

वर्कआउट करने से आप मानसिक रूप से भी एक्टिव रहती हैं। क्योंकि इससे आपके ब्रेन सेल्स भी एक्टिव रहते हैं। अगर आप वर्कआउट करना छोड़ देती हैं, तो इसका सीधा असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।

एडिलेड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि व्यायाम बीच में रोक देने से सिर्फ तीन दिनों के बाद व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण बढ़ सकते हैं। साथ ही इसके कारण आपका मूड भी बहुत जल्दी बदलने लगता है, व्यक्ति खुश नहीं रह पाता, क्योंकि एक्सरसाइज स्किप करने से आपके ब्रेन में आवश्यकता अनुसार ब्लड नहीं पहुंच पाता।

3. फोकस करने से समस्या

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने से हमारी फोकस करने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। जिस प्रकार मेडिटेशन और एक्सरसाइज हमें बेहतर फोकस बनाए रखने में मदद करते हैं, उसी तरह जब आप एक्सरसाइज करना छोड़ देती हैं, तो आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानियां महसूस होने लगती हैं।

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के अनुसार 10 से 40 मिनट के व्यायाम से आपकी एकाग्रता में वृद्धि हो सकती है। यह आपके ब्रेन में ब्लड फ्लो बढ़ाने में लाभदायक होता है। यह आपके ब्लड में केमिकल के बढ़ते स्तर से जुड़ा हो सकता है, जैसे कि एंडोर्फिन, जो आपके मस्तिष्क को हाई अलर्ट पर रखने में मदद करता है।

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वर्कआउट बीच में छोड़ने से आपके मूड में भी तेजी से बदलाव आने लगता है। चित्र: शटरकॉक

4. बढ़ जाते हैं मूड स्विंग्स

वर्कआउट बीच में छोड़ने से आपके मूड में भी तेजी से बदलाव आने लगता है। वर्कआउट करने से आप तरोताजा और एक्टिव महसूस करती हैं। जबकि वर्कआउट छोड़ने पर आप थकावट, सुस्त और मूड में बदलाव महसूस कर सकती हैं।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के अनुसार वर्कआउट करने से हमारे शरीर में मायोकिंस नामक प्रोटीन का उत्पादन होता है, जो आपके हमारे ब्रेन को तनाव और डिप्रेशन से बचाने में मदद कर सकता है। लेकिन जब आप वर्कआउट करना बंद कर देते हैं, तो यह मूड बूस्टर फ्लो होना बन्द हो जाते हैं।

तो लेडीज, कुछ भी हो जाए एक्सरसाइज स्किप न करें। रेगुलर एक्सरसाइज न केवल आपको अपनी पसंद के कपड़े पहनने देने में मदद करती है, बल्कि आपका फोकस, प्रोडक्टिविटी और हैप्पीनेस बढ़ाने में भी मददगार है।

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यंग कंटेंट राइटर ईशा ब्यूटी, लाइफस्टाइल और फूड से जुड़े लेख लिखती हैं। ये काम करते हुए तनावमुक्त रहने का उनका अपना अंदाज है। ...और पढ़ें

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