क्या ऑफिस में आपको काम करते हुए नींद आती रहती है? नींद इतनी ज्यादा भी आ सकती है कि आपकी आंखें बिलकुल बंद हो जायें। इसे अनुभव करने में आप अकेली नहीं हो सकती हैं। सच बात यह है कि नींद की कमी का सीधा असर काम के प्रदर्शन पर भी स्पष्ट रूप से पड़ने लगता है। यदि आपको भी ऐसा लगता है कि काम करते हुए आपकी आंखें बंद अक्सर बैठकों में सिर हिलाते हुए पाए जाते हैं, तो आपके पास लाखों कॉर्पोरेट कर्मचारी हैं जिनकी नींद की कमी उनके उत्पादक जागने के घंटों को प्रभावित कर रही है। फिर खुद को रिफ्रेश करने (how to refresh without sleep) के लिए क्या किया जाए?
बहुत देर तक एक ही स्थान पर बैठे रहने से नींद आने लगना सामान्य बात है। समय-समय पर अपने वर्क स्पेस से उठ कर इधर-उधर घूमने से ब्लड फ्लो अच्छी तरह हो पाता है। यह काम पर नींद नहीं आने के साथ-साथ काम पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद कर सकता है। यह सही है कि बहुत देर तक अपने डेस्क से दूर नहीं रहा जा सकता है, पर कुछ मिनट के लिए चहलकदमी तो की जा सकती है।
दूसरी वजह यह भी हो सकती है कि रात में अच्छी तरह नींद नहीं आई हो। साउंड स्लीप की कमी से नींद की कमी अनिवार्य रूप से कारण हो सकता है। इसके कारण आंखों में पानी आ सकता है। आप उबासी लेती रह सकती हैं। इसके विपरीत यदि आप पर्याप्त नींद लेती हैं, फिर भी काम के दौरान थकान और नींद महसूस करती हैं, तो इसका कारण संभवतः खराब आहार भी हो सकता है। कम नींद से डिहाइड्रेशन बढ़ जाता है, जिसका सीधा असर आपके प्रदर्शन पर पड़ता है।
दी गई डेडलाइन पर काम पूरा करने के लिए नींद और उबासियों को भगाना जरूरी है। इसके लिए खुद को रिफ्रेश करना भी जरूरी है। रिफ्रेश करने के लिए जरूरी नहीं है कि काम के बीच में झपकी ली जाये। इन दिनों ऑफिस वर्क के बीच खुद को रिफ्रेश करने के लिए गूगल पर एनएसडीआर वर्ड (NSDR) खूब खंगाला जा रहा है। जानते हैं कैसे इसके माध्यम से खुद को रिफ्रेश किया जा सकता है।
एनएसडीआर (NSDR) नॉन स्लीप डीप रेस्ट (Non-sleep deep rest) है। नॉन स्लीप डीप रेस्ट आपके विचार प्रवाह और ब्रेन वेव फ्रीक्वेंसी को धीमा करने में मदद करता है। इससे मस्तिष्क और शरीर को गहराई से आराम मिलता है। एनएसडीआर नींद, तनाव, एंग्जायटी और यहां तक कि लर्निंग में भी मदद कर सकता है।
गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने एक बार वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इन्टरव्यू में बताया था कि वे खुद को रिफ्रेश करने के लिए नॉन-स्लीप डीप रेस्ट या एनएसडीआर पर आधारित पॉडकास्ट सुनते हैं। वे यूट्यूब पर जाकर एनएसडीआर वीडियो ढूंढ लेते हैं। ये 10, 20, या 30 मिनट वाले होते हैं। जिनका प्रयोग वे खुद को बिना नींद के रिफ्रेश करने के लिए करते हैं।
एनएसडीआर या नॉन-स्लीप डीप रेस्ट न्यूरोसाइंटिस्ट और शोधकर्ता एंड्रयू ह्यूबरमैन द्वारा डेवलप किया गया। एंड्रयू स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोबायोलॉजी विभाग में प्रोफेसर और ह्यूबरमैन लैब पॉडकास्ट के होस्ट हैं। वास्तव में यह सदियों पुराना अभ्यास योग निद्रा का दूसरा नाम है, जिसे यौगिक नींद भी कहा जाता है।
नॉन-स्लीप डीप रेस्ट व्यक्ति को आराम की स्थिति में ले जाता है। यह वास्तविक नींद के बिना गहरी नींद के समान है। यह एक गहन विश्राम की स्थिति है, जहां शरीर और दिमाग आराम कर री जुवेनेट करते हैं। एनएसडीआर का अभ्यास एक प्रकार के ध्यान का अभ्यास है। इसमें स्वप्न जैसी स्थिति में आना शामिल है, जहां हमारा दिमाग आराम करता है लेकिन हम सो नहीं रहे होते हैं। इसे दिन के अलग-अलग समय पर दिमाग को आराम देने और तरोताजा करने या सोने के लिए तैयार करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
शांत और आरामदायक जगह ढूंढें। आराम की स्थिति में आ जाएं। मन में किसी प्रकार के विचार नहीं लायें। किसी एनएसडीआर या योग निद्रा रिकॉर्डिंग को फॉलो करें। शरीर को आराम दें और निर्देशों का पालन करें। सांस पर ध्यान दें। अपने आस-पास के परिवेश के प्रति अवेयर रहें। अभ्यास समाप्त कर सकती हैं।
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