बरसात के मौसम में बच्चों को सर्दी, खांसी और संक्रमण से बचाना है, तो इन 4 बातों को हमेशा रखें याद 

बदलते मौसम का असर हर उम्र पर पड़ता है। पर इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं बच्चे। उन्हें बीमार होने से बचाने के लिए आप मां के बताए ये नुस्खे आजमा सकती हैं। 
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अपने बच्चे को आश्वस्त करें कि अधिकांश टच सही टच होते हैं। चित्र: शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Published: 9 Aug 2022, 10:56 am IST
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बरसात के मौसम में स्कूल, पार्क या पार्टी में बच्चे एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। जिससे इस मौसम में फैलने वाले संक्रमण बहुत तेजी से एक बच्चे से दूसरे बच्चे में स्थानांतरित होते हैं। आप अपने बच्चों को स्कूल जाने या बाहर खेलने से तो नहीं रोक सकतीं, पर उन्हें बीमार होने से बचाने के लिए कुछ चीजों का ध्यान जरूर रख सकती हैं। यहां हम उन्हीं उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बच्चों को मानसून के संक्रमण और फ्लू (how to prevent diseases in rainy season) आदि से बचा सकते हैं। 

क्या कहते हैं शोध 

बच्चों के स्वास्थ्य पर मिशिगन सीएस मॉट चिल्ड्रेन हॉस्पिटल द्वारा कराया गया नेशनल पोल परिवारों को रोकथाम के महत्व के बारे में जो गाइडलाइन देता है। इसके अनुसार  बच्चे को हर साल तीन से छह  की उम्र में एक से दो बार तो सर्दी ज़रूर हो सकती है। जो कम से कम दो सप्ताह तक भी चल सकती है। छींकने या खांसने से निकलने वाली श्लेष्मा (saliva) बूंदें दूसरों को भी आसानी से संक्रमित कर सकती हैं। यही वजह है कि जब भी मौसम बदलता है सबसे पहले बच्चे बीमार होते हैं। 

पर जब ये शोध नहीं हुए थे, मां के पास तब भी बच्चों को वायरल संक्रमण से बचाने के उपाय मौजूद थे। अगर आप भी चाहती हैं कि बदलते मौसम में आपका बच्चा बीमार न हो, तो बरसों से आजमाए जा रहे इन घरेलू उपायों पर कर सकती हैं भरोसा। 

यहां हैं बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने वाले 4 घरेलू उपाय 

1 अजवाइन का पानी 

सर्दी-ज़ुकाम से राहत देने के लिए छोटे बच्चे को दो-चार चम्मच अजवाइन का पानी पिलाएं। इसके लिए एक बड़े चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में अच्छी तरह से पका लें। जब पानी आधा रह जाये, तो इसको थोड़ी-थोड़ी देर में दिन में तीन-चार बार बच्चे को पिलाती रहें। बच्चा अगर बड़ा है, तो छोटा आधा कप अजवाइन का पानी पिला सकती हैं। इससे परेशानी से राहत मिलेगी।

2 हल्दी वाला दूध 

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हल्दी वाले दूध के चमत्कारी फायदों से होगी सर्दी-जुकाम की छुट्टी। चित्र-शटरस्टॉक।

सर्दी-ज़ुकाम से निजात दिलाने के लिए बच्चे को दूध में हल्दी मिलाकर पिलाएं। इसके लिए दूध में हल्दी डालकर गर्म कर लें और गुनगुना रह जाने पर बच्चे को पिलाएं। अगर इसके लिए कच्ची हल्दी का इस्तेमाल करेंगे, तो और भी बेहतर होगा।

3 हाथों को बार-बार धोएं और धुलवाएं भी  

ध्यान रहे कि बच्चे अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। हाथ कम से कम 20 सेकंड के लिए धोए जाने चाहिए। छोटे बच्चों को भी ऐसा करने में मदद करें। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें। जुकाम पैदा करने वाले वायरस आपके हाथों पर रह सकते हैं। इसलिए आप स्वयं भी नियमित तौर पर अच्छी तरह हाथ धाेएं और बच्चों से भी ऐसा करवाएं। 

4 न छुएं खुले अंग 

बच्चों को संक्रमण के एंट्री प्वॉइंट के बारे में समझाएं और उन्हें बार-बार छूने से मना करें। बिना धुले हाथों से अपनी आंख, नाक और मुंह को छूना बीमारियों को न्यौता दे सकता है। सर्दी-जुकाम पैदा करने वाले वायरस इस तरह से आपके बच्चे के शरीर में प्रवेश कर उसे बीमार कर सकते हैं।

कब है डॉक्टर को दिखाने की जरूरत 

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इन समस्याओं में डॉक्टर की सलाह लेने में देर न करें। चित्र : शटरस्टॉक

किसी भी बीमारी के लक्षण जो 10 दिनों से अधिक समय तक चलते हैं।

अगर किसी बीमारी के लक्षण गंभीर या असामान्य हैं।

यदि आपका बच्चा 3 महीने से कम उम्र का है और उसे बुखार है या वह सुस्त है।

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ये हो सकते हैं बच्चों में फ्लू के लक्षण 

बुखार आना, ठंड लगना और मांसपेशियों या शरीर में दर्द महसूस होना फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। इस स्थिति में आपको तुरंत अपने डॉक्टर को बुलाना चाहिए। आपका डॉक्टर यह निर्धारित कर सकता है कि आपके बच्चे को सामान्य सर्दी-जुकाम है या उसमें फ्लू के लक्षण हैं। डॉक्टरी सलाह पर ही उचित उपचार करें। 

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