यूरिनरी सिस्टम का प्रमुख अंग है किडनी। यह ब्लड को साफ़ करता है। इस दौरान वेस्ट मटेरियल के रूप में यूरीन शरीर से बाहर आता है। किसी कारण से किडनी के फंक्शन में गडबडी हो सकती है। इस कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसके कारण पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (Polycystic Kidney Disease) होने की संभावना हो सकती है। पॉलीसिस्टिक किडनी रोग क्या है और इसका इलाज क्या है, यह जानने के लिए पारस हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम में नेफ्रोलॉजी विभाग के एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. माधुरी जेटली से बात की गई।
डॉ. माधुरी जेटली बताती हैं, ‘पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (PKD) के कारण गुर्दे यानी किडनी में कई अल्सर (Cyst) का विकास हो जाता है। यह गुर्दे के आकार और वजन में वृद्धि का कारण बनता है। सिस्ट वाली किडनी का वजन 20-30 पाउंड तक हो सकता है। यह सबसे प्रचलित गुर्दा विकार (Kidney Disorder) है, जो परिवार के माध्यम से हम तक आ सकता है। यदि माता-पिता दोनों को यह बीमारी है, तो इस बात की 50% संभावना है कि बच्चे को भी यह बीमारी होगी। यदि माता-पिता में से केवल एक को यह बीमारी है, तो भी बच्चे को यह रोग होने का 25% जोखिम रहता है। इसमें बच्चा विकसित करने की बजाय इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाता है।’
1. इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर हो सकती है
2. सिस्ट इन्फेक्शन के कारण दर्द हो सकता है। आकार बढ़ने पर सिस्ट टूट सकता है। इसके कारण सिस्ट में रक्तस्राव या संक्रमण हो सकता है।
4यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) के कारण बार-बार पेशाब आना, पेशाब के साथ दर्द और बुखार भी हो सकता है।
5. किडनी खराब होना (Kidney Failure)
पॉलीसिस्टिक किडनी रोग होने पर हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना बहुत जरूरी हो जाता है। इसके लिए डॉक्टर द्वारा एंटीहाइपरटेंसिव दवा (Antihypertensive medication) प्रेसक्राइब की जा सकती है।
खानपान की आदतों में सुधार करना बहुत जरूरी है। पोषक तत्वों से भरपूर आहार को अपनी डाइट में शामिल करें। जैसे ही स्वस्थ आहार और सक्रिय जीवनशैली को आप फॉलो करना शुरू करेंगी, वैसे ही अंतर महसूस करना भी शुरू कर देंगी।
रोजाना व्यायाम कई रोगों को दूर रखता है। एक्सरसाइज से वजन कंट्रोल रह सकता है। इससे पॉलीसिस्टिक किडनी विकार से बचाव किया जा सकता है।
खूब पानी पिएं। खूब ताजी सब्जियां और फल खाएं। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए नमक का संतुलित मात्र में सेवन बहुत जरूरी है। अपने आहार में नमक का सेवन सीमित करें।
प्रोसेस्ड, पैकेज्ड, डिब्बाबंद, फ्रोजन मील, क्योर्ड, जंक फूड, फास्ट फूड, पहले से तैयार अचार या रेस्तरां का भोजन नहीं लेने से इस विकार से बचाव किया जा सकता है। पॉलीसिस्टिक किडनी विकार होने पर इन आहार का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।
यदि धूम्रपान की आदत है, तो इसे छोड़ दें। बीयर और शराब सहित सभी मादक पेय पदार्थों से दूर रहें। रेड मीट का सेवन बंद कर दें। ये किडनी के लिए घातक हैं।
यदि आप बार-बार पीठ दर्द या गंभीर पीठ दर्द का अनुभव कर रही हैं। गुर्दे या सिरदर्द का अनुभव कर रही हैं, तो चिकित्सक से परामर्श करें। गंभीर पीठ और पैर दर्द को कम करने के लिए सिस्ट को कभी-कभी निकाला जाता है।
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कस्टमाइज़ करेंसबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हर तीन महीने में चेकअप करवाकर अपनी प्रगति पर नज़र रखें। यह महत्वपूर्ण है। क्योंकि सिस्ट बढ़ भी सकता है, जो बाद में गुर्दे की विफलता में गिरावट का कारण भी बन सकता है। एक बार जब किडनी खराब हो जाती है, तो रोगी को डायलिसिस और फिर आराम की आवश्यकता होती है।
एक अन्य उपचार विकल्प गुर्दा प्रत्यारोपण है। प्रत्यारोपित किडनी पीकेडी (PKD) विकसित नहीं करती है।
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