कब, क्यों और कैसे की जाती है एमआरआई, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसके बारे में सब कुछ

बहुत सारे लोग एमआरआई का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं। जबकि यह पूरी तरह दर्द रहित प्रक्रिया है, जो आपके डॉक्टर को उपचार में मदद करती है।
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शरीर के आंतरिक अंगों की गहन जांच के लिए डॉक्टर एमआरआई की सलाह देते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
Dr. Aakar Kapoor Published: 28 Jan 2023, 17:00 pm IST
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एमआरआई (MRI) का पूरा नाम मैग्नेटिक रिजोंनेस इमेजिंग है। यह एक तरह की स्कैनिंग मशीन (Scanning machine) है। इसमें बहुत ही शक्तिशाली और नियंत्रित विद्युत क्षेत्र, रेडियो तरंगें और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (computer technology) शामिल होती है। इसकी मदद से मानव शरीर के अंदर की विस्तृत तस्वीरें (Images) निकाली जाते हैं। यह एक डॉक्टरी इमेजिंग होती है। विस्तृत स्कैन (scan) करने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से तरंगों को पैदा किया जाता है। इससे आपके शरीर के ऊतकों या अंगो की तस्वीरें ली जाती हैं। आइए जानते हैं एमआरआई (MRI Scan) स्कैन के बारे में सब कुछ।

इसमें एक्स-रे रेडियेशन का उपयोग नहीं किया जाता है। एमआरआई तकनीक अक्सर बीमारी का पता लगाने, डायग्नोसिस करने, ट्रीटमेंट (treatment) की निगरानी करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। अधिकांश एमआरआई (MRI) मशीनें बड़ी, ट्यूब के आकार की मैगनेट (magnet) होती हैं।

जानिए डॉक्टर क्यों देते हैं एमआरआई की सलाह 

एमआरआई (MRI) के कई फायदे होते हैं। जैसे कि यह बिना रेडिएशन या साइड इफेक्ट के तस्वीर प्रदान करती है।

MRI technique ka istemaal kaise kiya jaata hai
यह तकनीक अक्सर बीमारी का पता लगाने, डायग्नोसिस करने, ट्रीटमेंट(treatment) की निगरानी करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

एमआरआई (MRI) स्कैन टेस्ट का उपयोग निम्नलिखित चीजों के लिए किया जाता है:

  1. जोड़ों और हड्डियों से सम्बंधित बीमारियों का डायग्नोसिस करने के लिए।
  2. हृदय से सम्बंधित बीमारियों की पहचान करने के लिए।
  3. ब्रेस्ट कैंसर के खतरे का पता लगाने के लिए।
  4. रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क की समस्याओं का पता लगाने के लिए।
  5. गर्भ और लिवर कैंसर का डायग्नोसिस करने के लिए।
  6. इनफर्टिलिटी का इलाज करवा रही महिलाओं में गर्भाशय की असामान्यताओं का पता लगाने के लिए।
  7. महिलाओं में पैल्विक दर्द के कारणों का मूल्यांकन करने के लिए, जिसमें एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉएड शामिल होता हैं
  8. शरीर के विभिन्न भागों में अल्सर, ट्यूमर, या अन्य बीमारियों का डायग्नोसिस करने के लिए

कैसे किया जाता है एमआरआई (MRI Process) 

एमआरआई प्रक्रिया से पहले आपको अस्पताल का गाउन पहनना होगा और जो भी धातु की चीजें आपने पहनी हैं उन्हें निकालना होगा। स्कैन के दौरान आपको रिट्रैक्टेबल टेबल पर सीधे लेटना होगा। फिर यह टेबल गुंबद के आकार के स्कैनर के अंदर जाएगा। अन्दर या तो पहले आपका सिर जायेगा या पैर।

जब आप एक एमआरआई (MRI) मशीन के अंदर लेटते हैं, तो चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी रूप से आपके शरीर में पानी के अणुओं को पुन: व्यवस्थित करता है। रेडियो तरंगें इन व्यवस्थित हुए परमाणु से संकेतों का उत्पादन करती हैं। इनका उपयोग क्रॉस-सेक्शनल एमआरआई चित्रों को बनाने के लिए किया जाता है। ये चित्र ऐसे बनते हैं जैसे कि रोटी के ऊपर रोटी रखी जाती है।

क्यों आती हैं एमआरआई स्कैन के दौरान आवाजें 

सटीक और गहन चित्र प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया के दौरान स्थिर रहना महत्वपूर्ण होता है। स्कैन के दौरान आपको जोर से थपथपाने या फटफटाने की आवाजें सुनाई दे सकती है। चिंता करने की कोई बात नहीं होती है। यह थपथपाहट तब होती है जब एमआरआई स्कैनर कॉइल में विद्युत प्रवाह चालू और बंद होता है।

स्कैन किए जा रहे शरीर के अंग और लिए गए चित्रों की संख्या के आधार पर पूरी प्रक्रिया में 15 से 60 मिनट का समय लग सकता हैं।

स्कैन के बाद एक अनुभवी रेडियोलॉजिस्ट इन चित्रों की जांच करेगा और समस्याओ का ब्यौरा मरीज को बतायेगा। अगर कोई बीमारी होगी, तो एक रिपोर्ट तैयार की जायेगी। जिस व्यक्ति के अंदर पेसमेकर लगा है, जिनके शरीर के अंदर गोलियां या छर्रे हैं, या उनमें कोई कोच्लेयर इम्प्लांट्स है, तो उनका एमआरआई स्कैन नहीं हो सकता है।

MRI scan ke dauran inn baaton ka khayal rakhein
एमआरआई की मदद से मानव शरीर के अंदर की विस्तृत तस्वीरें (Images) निकाली जाते हैं। चित्र: अडोबी स्टॉक

रिजल्ट और रिपोर्ट तैयार करने कितना समय लगता है? 

एमआरआई स्कैन टेस्ट के बाद इन चित्रों को एक हार्ड कॉपी और एक सीडी में ट्रांसफर किया जाता है। रेडियोलॉजिस्ट तब एक रिपोर्ट में एमआरआई चित्रों के बारे में बताता है। एमआरआई स्कैन प्रक्रिया 15 से 90 मिनट तक चलती है। एमआरआई रिपोर्ट ज्यादातर केस में प्रक्रिया के 6 से 24 घंटों के भीतर उपलब्ध हो जाती है।

क्या हैं एमआरआई (MRI) स्कैन के फायदे

  1. एमआरआई (MRI) स्कैन एक नॉन-इनवेसिव और बिना दर्द वाली इमेजिंग तकनीक है। इसमें रेडिएशन का कोई खतरा नहीं रहता है।
  2. मस्तिष्क, रीढ़, जोड़ों, हृदय, लीवर, और कई अन्य अंगों जैसे शरीर के कोमल-ऊतक संरचनाओं की एमआरआई (MRI) चित्रों के द्वारा ज्यादा सटीक रूप से पहचाना जा सकता है।
  3. कैंसर, हृदय की बीमारी, मांसपेशियों और हड्डियों की बीमारियों, और कई अन्य बीमारियों का डायग्नोसिस एमआरआई स्कैन से किया जा सकता है।

दो तरह की हो सकती है एमआरआई 

3T MRI के चुंबकीय क्षेत्र की ताकत 1.5T से दोगुनी शक्तिशाली होती है। इस वजह से 3T MRI बेहद स्पष्ट और गहरी इमेज (छवियां) प्रदान करता है। 3T मस्तिष्क, वैस्कुलर, मस्कुलोस्केलेटल और छोटी हड्डी की इमेजिंग के लिए उपयुक्त होता है। जब मरीजों की संख्या अधिक होती है, तो जल्दी-जल्दी उनका एमआरआई करना जरूरी हो जाता है। ज्यादा मरीजों की इमेजिंग सुविधा के लिए थोड़े समय के लिए स्कैन फायदेमंद होता है।

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लेखक के बारे में

Dr. Aakaar Kapoor (consultant Radiologist) MBBS from UCMS, Delhi University & MD in Radiodiagnosis, KLE University, Belgaum (Belagavi City), Karnataka..Very academically oriented and attended numerous CMEs.His area of interest in Radiology CT & MRI. He is appreciated repeatedly for his dedication and sincerity in Radiology. ...और पढ़ें

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