Myths about CBD : अपनी मेंटल और सेक्सुअल हेल्थ के लिए तत्काल दूर कर लें गांजा से जुड़े ये मिथ्स 

सीबीडी यानी कैनबिस या गांजा के साथ कई तरह की धारणाएं जुड़ी हुईं हैं। पर अपने स्वास्थ्य के लिए आपको इन सभी भ्रामक बातों से दूर रहना चाहिए। 
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गांजे से स्वास्थ्य को फायदा नहीं नुकसान पहुंचता है। चित्र:शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 09:06 am IST
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सावन का महीना आने वाला है। आपको सड़क पर आसानी से कांवड़िए चिलम में गांजा भरकर कश खींचते, धुआं उड़ाते और कानून की धज्जियां उड़ाते मिल जाएंगे। इससे पहले कई बॉलीवुड हस्तियों को इसके नशे की गिरफ्त में आप देख ही चुके हैं। युवाओं की दुनिया में सीबीडी के समर्थन में कई तरह के भ्रामक तर्क गढ़ लिए गए हैं। जबकि इनमें से किसी भी कोई वैज्ञानिक प्रमाण अब तक नहीं मिल पाया है। अगर आप भी अपने मानसिक या यौन स्वास्थ्य के लिए कैनाबिस का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं, तो जरूरी है कि इन मिथ्स (Myths about CBD) का तत्काल भंडा फोड़ किया जाए। 

हालांकि भारत में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम 1985 के अनुसार, कैनबिस के व्यापार और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन देश में इसका नशा करने वालों की संख्या खूब बढ़ी है। कैनबिस अर्थात गांजा को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता है, क्योंकि यह एक औषधीय पौधा है, जो तेज दर्द से राहत दिलाने में मददगार है। 

क्या कहते हैं आंकड़े 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा किए गए 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2018 में 7.2 मिलियन भारतीयों ने इसका सेवन किया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2022 में इसका नशा करने वालों की संख्या में कितनी अधिक बढ़ोतरी हो गई होगी।  सीबीडी (Cannabidiol) से जुड़े मिथ और फैक्ट के बारे में हमने बात की जनरल फिजिशियन डॉ. अमित सिन्हा से।

यहां हैं वे मिथ जिन पर भरोसा करके लोग कैनबिस के प्रति आकर्षित होते हैं 

मिथ 1 : यह पेट के रोगों का इलाज करता है।

फैक्ट : डॉ. अमित सिन्हा के अनुसार, भारत के ग्रामीण इलाकों में आज भी पेट में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कैनबिस के सेवन को सही माना जाता है। कैनबिस में टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल कंपाउंड पाया जाता है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) ट्रैक्ट पर कार्य करता है। कैनबिस का उपयोग पेट दर्द, उल्टी और लूज मोशन को ठीक करने के लिए किया जाता है। 

यह इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज या इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम को सही करने में कार्य करता है। हालांकि यह कुछ हद तक कारगर है। पर इनकी क्लिनिकल एफिकेसी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।

मिथ 2 : शरीर को पूरी तरह स्वस्थ बनाता है।

फैक्ट : जो केमिकल कंपाउंड शरीर में नशा पैदा करता है, वह THC यानी टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल ही है। कैनबिस या उसकी प्रजाति के पौधे में 100 से अधिक विभिन्न कैनबिनोइड्स होते हैं। जिनमें से प्रत्येक के अपने-अपने गुण होते हैं। 

कुछ मेडिसनल कैनबिस फॉर्मूलेशन में THC या तो बहुत कम या THC होता ही नहीं है। बिना विशेषज्ञ के निर्देशन में इसका प्रभाव उल्टा पड़ता है। यह सच है कि गांजे के सेवन से हम कुछ समय तक हैलुसिनेशन यानी भ्रम में जीने लगते हैं, जिसमें सब कुछ अच्छा-अच्छा लगने लगता है। नशे का प्रभाव जितनी देर तक रहता है, उतनी देर तक ही यह मनोभाव रहता है। फिर सभी समस्याएं और तकलीफों का अनुभव पूर्ववत होने लगता है।

मिथ 3 : मारिजुआना का सेवन मानसिक बीमारियों को ठीक कर सकता है

फैक्ट : डॉ. अमित कहते हैं, यह सच है कि कैनबिस कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि सिजोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, डिप्रेशन आदि के उपचार में फायदेमंद साबित हुआ है। लेकिन कोई भी स्टडी या रिसर्च इस बात का दावा नहीं करती है कि इससे मानसिक रोगों का इलाज संभव है। इसकी बजाय इसके सेवन से लोगों में एंग्जाइटी, स्ट्रेस और एग्रेसन को बढ़ते हुए पाया गया है।

मिथ 4 : कैनबिस से स्पर्म क्वालिटी होती है बढ़िया

फैक्ट :  कुछ युवा रात में इसलिए गांजे का सेवन करते हैं, ताकि लिबिडो और सेक्स परफॉर्मेंस बढ़ाई जा सके। उन्हें लगता है कि इससे स्पर्म की क्वालिटी अच्छी हो जाएगी।  जबकि वास्तविकता यह है कि इसका उपयोग शुक्राणु के समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इस पर अभी-भी शोध हो रहे हैं। कैनबिस के अत्यधिक उपयोग से स्पर्म काउंट घटते हुए ही देखा गया है। इससे आपके पाटर्नर के कम फर्टाइल होने की संभावना बनने लगती है।

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कैनबिस को आप किसी भी रूप में लें, यह आपके मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करता है। चित्र:शटरस्टॉक

मिथ 5 : मेमोरी बढ़ाता है

फैक्ट : कैनबिस में थेराप्यूटिक कंपाउंड कैनबिडिओल (CBD) की अलग-अलग मात्रा होती है। यह एंग्जाइटी को कम करने में मदद कर सकती है। पर अभी तक सही रिसर्च रिपोर्ट नहीं आए हैं। आमतौर पर देखा जा रहा है कि इसका अत्यधिक सेवन करने वाले लोगों को भूलने की बीमारी हो रही है।

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मेडिकल मिथ : आयुर्वेदिक कैनबिस भारत में अवैध है

आम धारणा के विपरीत भारत में आयुर्वेदिक कैनबिस अवैध नहीं हैं। कैनबिस शेड्यूल-ई1 दवा है, जिसे आयुष मंत्रालय और एक्साइज डिपार्टमेंट द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

यदि आपके पास प्रमाणिक आयुर्वेदिक डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन है, तो कैनबिस से बनी दवाइयों को आप ऑफलाइन या ऑनलाइन खरीद सकते हैं। 

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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