आपके डेली रुटीन की ये 5 गलतियां बनती हैं कब्ज, एसिडिटी और गैस का कारण, सही पाचन के लिए आज ही से करें दूर

स्वस्थ पाचन क्रिया के लिए खानपान के साथ अपनी नियमित गतिविधियों पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। तो चलिए आयुर्वेद विशेषज्ञ से जानते हैं ऐसी ही पांच नियमित गलतियों के बारे में।
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पाचन में फायदेमंद है। चित्र: शटरकॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 27 Oct 2022, 20:14 pm IST
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हेल्दी हार्ट का रास्ता आपके पेट से गुजरता है। लेकिन यह सिर्फ दिल की बात नहीं है! आपके पेट की सेहत पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। वहीं प्रतिरक्षा से लेकर आपके मूड तक पर इसका असर पड़ता है। पाचन क्रिया को संतुलित रखने के लिए स्वस्थ आहार बनाए रखने के साथ कुछ अहम उपाय करना भी बहुत जरूरी है। कभी कभार आपका पेट आवश्यक पोषक तत्वों को सोख नही पाता। परंतु घबराएं नहीं! यहां जानें पाचन क्रिया को संतुलित रखने के लिए अपनी नियमित दिनचर्या में क्या करना है क्या नहीं।

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ दीक्षा भावसार सावलिया ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर खराब पाचन क्रिया को लेकर बहुत अहम बात की है। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे आपके डेली रुटीन की कुछ गलतियां गैस, एसिडिटी और कब्ज का कारण बनती हैं।

ये हैं वे 5 गलतियां जो आपके पाचन तंत्र को पहुंचाती हैं नुकसान

1. खाने के तुरंत बाद नहाना

आयुर्वेद के अनुसार खाने के बाद तुरंत नहाना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। पाचन शरीर में अग्नि तत्व पर निर्भर करता है। जब आप भोजन करती हैं, तो अग्नि तत्व सक्रिय हो जाता है, और परिणाम स्वरूप पाचन प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए ब्लड सरकुलेशन को बढ़ा देता है। ऐसे में स्नान करने से आपके शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिस वजह से पाचन प्रतिक्रिया घीमी हो सकती है।

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खाने के तुरंत बाद नहाने से बचें। चित्र : शटरस्टॉक

पाचन एंजाइम भी एक संकीर्ण तापमान सीमा में काम करते हैं, और भोजन के तुरंत बाद स्नान करने से वे कम प्रभावी हो सकते हैं। इसलिए, नहाने और खाने के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर बनाए रखने की कोशिश करें।

2. खाने के तुरंत बाद एक्सरसाइज करना

बड़े बुजुर्ग हमेशा भोजन के तुरंत बाद एक्सरसाइज करने से मना करते हैं। क्या आपने कभी इस बारे में जानने की कोशिश की है कि आखिर ऐसा क्यों है? सवालिया भी इसे सही बताती हैं। साथ ही आयुर्वेद विशेषज्ञों के खाने के तुरंत बाद लंबी दूरी तक चलना, तैरना, व्यायाम करना यह सभी गतिविधियां आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती हैं।

भारी शारीरिक गतिविधियों में भाग न लेने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आपको खाने के बाद स्थिर बैठ जाना है। आयुर्वेद हमेशा से खाने के 5 से 10 मिनट के बाद कुछ देर धीमे-धीमे टहलने की सलाह देता आया है। यह पाचन प्रतिक्रिया को आसान और काफी प्रभावी बना देता हैं।

3. दोपहर का भोजन बहुत देरी से करना

आयुर्वेद मेडिसिन सिस्टम के अनुसार दोपहर का भोजन 12:00 से 2:00 के बीच में कर लेना चाहिए अन्यथा पाचन क्रिया के प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। इन घंटों के दौरान, पित्त – जिसमें अग्नि और जल तत्व शामिल हैं – वह प्रमुख होते है। यदि आप अपने पाचन क्रिया को संतुलित रखना चाहती हैं और चाहती है कि खाना समय से और सही रूप से पच जाए तो आपको पित्त का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

दोपहर में पित्त बढ़ जाता है, और इसलिए आयुर्वेद दोपहर के भोजन को दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन मानता है। इसलिए दोपहर को शरीर को पर्याप्त भोजन दें और भूल कर भी मिल स्किप करने से बचें।

4. रात में दही का सेवन करना

दही में विटामिन सी विटामिन बी12, विटामिन ए, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। परंतु रात के समय डिनर में इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या आपको परेशानी में डाल सकती हैं।

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रात को दही का सेवन पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक.

आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार दही स्वाद में खट्टा और मीठा होता है, इसलिए यह शरीर में कफ और पित्त दोष को बढ़ाता है। क्या आपको मालूम हैं कि रात के समय शरीर में कफ की प्राकृतिक प्रबल होती है? इसलिए, रात के समय दही खाने से शरीर में कफ की अधिकता हो सकती है।

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5. भोजन के तुरंत बाद सोना

हमारी सर्कैडियन रिदम या बायोलॉजिकल घड़ी शरीर के तापमान के उतार-चढ़ाव को निर्धारित करती है। जब हम सोते हैं तो हमारे शरीर का तापमान गिरना शुरू हो जाता है। यह तो आपको मालूम ही है कि पाचन प्रतिक्रिया शरीर के तापमान पर निर्भर करती है। इसलिए, एक औषधीय प्रणाली की सलाह का पालन करते हुए, आपको भोजन और सोने के समय के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर बनाए रखना चाहिए।

डॉ सावालिया कहती हैं, “नींद के दौरान, शरीर रिपेयर और हील होता है। जबकि दिमाग विचारों, भावनाओं और अनुभवों को पचाता है।” इसलिए रात का भोजन थोड़ा हल्का रखने की कोशिश करें। क्योंकि भारी भोजन पाचन तंत्र पर प्रभाव डालता है।

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