कुछ राज्यों में क्यों फैल रहा है काला अजार या ब्लैक फीवर, एक्सपर्ट बता रहे हैं इस बारे में सब कुछ 

काला अजार या काला बुखार बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पाया गया है, जिससे अनुमानित तौर पर 165 मिलियन लोग जोखिम में हैं।
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जानें काला अज़र या ब्लैक फीवर के बारे में सबकुछ, चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 20 Jul 2022, 20:36 pm IST
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पिछले कुछ हफ्तों में, बंगाल के ग्यारह जिलों में राज्य प्रशासित निगरानी में काला अजार या काला बुखार के लगभग 65 मामले सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दार्जलिंग, मालदा, उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और कलिम्पोंग में काला बुखार के मामले ज्यादा हैं। इसके अतिरिक्त, उत्तर बंगाल में, दक्षिण बंगाल में भी काला बुखार (Kala azar aka black fever) के मामले सामने आ रहे हैं।

कालाजार या ब्लैक फीवर वास्तव में है क्या?

विसरल लीशमैनियासिस (वीएल), जिसे काला अजार या काला बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होने वाली बीमारी है। यह 9- सैंडफ्लाई प्रजातियों से अधिक फैलती है। 

इसके मुख्य लक्षणों में अनियमित बुखार, वजन घटना, प्लीहा व यकृत का बढ़ना और एनीमिया शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, काला अजार प्रकोप और मृत्यु क्षमता वाले शीर्ष परजीवी रोगों में से एक है।

क्या हैं इसके होने के कारण?

लीशमैनिया परजीवी, जो काला अजार का कारण बनते हैं, वास्तव में संक्रमित मादा फ़्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाइज़ के काटने से फैलते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इसके मुख्य जोखिम कारकों में ये कारण शामिल हैं:

1 सामाजिक आर्थिक स्थिति

गरीबी काला अजार के खतरे को बढ़ा सकती है, क्योंकि खराब सैनिटरी स्थिति sandfly breeding और  resting sites को बढ़ा सकती है। सैंडफ्लाइज़ भीड़-भाड़ वाली जगहों की ओर आकर्षित होते हैं।

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जानें क्या हैं काला अज़र की वजह, चित्र: शटरस्टॉक

2 कुपोषण

प्रोटीन, आयरन, विटामिन ए और जिंक की कमी वाले आहारों का सेवन करने से कालाजार या काला बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है। जिससे यह बुखार आसानी से ऐसे व्यक्ति को अपना शिकार बना लेता है, जिनमें इन पोषक तत्त्वों की कमी है।

3 जनसंख्या गतिशीलता

ऐसे लोग जो पहले ही बीमारी के संकट में हैं या इस समस्या के लिए ईज़ी टार्गेट हैं, वे आसानी से लोगों के संपर्क में आ सकते हैं। जिससे बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।

4 जलवायु परिवर्तन

लीशमैनियासिस जलवायु के प्रति संवेदनशील है और तापमान, वर्षा और आर्द्रता में परिवर्तन इनके विकास चक्र (ब्रीडिंग साइकल) में सहायता कर सकता है।

 

जितनी जल्दी शुरू हो, इलाज उतना बेहतर होगा, चित्र : शटरस्टॉक

कैसे की जा सकती है इसकी रोकथाम और नियंत्रण

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, “काला अजार या काले बुखार की रोकथाम और नियंत्रण के लिए रणनीतियों के संयोजन की आवश्यकता है। क्योंकि संचरण (इन्फ्लुएंजा) एक जटिल जैविक प्रणाली में होता है, जिसमें मानव या पशु, परजीवी और सैंडफ्लाई वेक्टर शामिल होते हैं।”

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यहां बताया गया है कि आप इस बीमारी से कैसे बच सकते हैं:

शीघ्र निदान और प्रभावी उपचार

रोग के संचरण (commute होने) को कम या बाधित करके वेक्टर नियंत्रण

प्रभावी तौर पर रोग पर निगरानी रखना

भीड़भाड़ से दूर रहें (social distancing )

हम सभी को इस महामारी को नियंत्रण में रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए।

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