यहां समझिए क्या है कोवैक्सिन के एक्सपायर होने और शेल्फ लाइफ बढ़ाए जाने का पूरा मामला, क्या यह सुरक्षित है?

3 जनवरी 2022 को, भारत में 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। भारत बायोटेक की कोवैक्सिन इसके लिए स्वीकृत वैक्सीन है।
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नए वेरिएंट पर वैकसीन कितनी असरदार है यह जानना ज़रूरी है। चित्र : शटरस्टॉक

स्वास्थ्य मंत्रालय के CoWIN पोर्टल के डेटा से पता चला है कि 3 जनवरी 2022 को 15 से 17 वर्ष की आयु के लोगों को टीकों की 3.85 मिलियन खुराक दी गई थी।

एक तरफ जहां सोशल मीडिया पर टीकाकरण केंद्रों पर बच्चों की तस्वीरों की भरमार थी और माता-पिता राहत महसूस कर रहे थे, वहीं वैक्सीन की एक्सपायरी डेट (Expiry Date) को लेकर भी चिंता जताई गई।

ट्वीट में बताया गया एक्सपायर्ड थी वैक्सीन

यह मामला सबसे पहले एक ट्वीट से सोशल मीडिया आया। जिसमें एक ट्विटर उपयोगकर्ता नवनीता वरदपांडे ने एक ट्वीट में अपनी चिंताओं को व्यक्त किया, जिसमें लिखा था, “मेरा बेटा अपना पहला टीका लेने गया, और हमने यह महसूस किया कि वैक्सीन पहले ही नवंबर में एक्सपायर हो चुकी है।

फिर एक पत्र दिखाया गया जिसमें लिखा था कि वैक्सीन की शेल्फ लाइफ बढ़ा दी गई है !! कैसे, क्यों, किस आधार पर? स्टॉक क्लियर करने के लिए आप बच्चों पर एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं?”

यहां देखें उनका ट्वीट –

इस ट्वीट के बाद से ही सोशल मीडिया पर घमासान मच गया। तब उसके बाद सामने आया कि नवंबर 2021 में, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation, CDSCO) ने कोवैक्सिन के शेल्फ लाइफ को 9 से 12 महीने तक बढ़ाने को मंजूरी दी। मगर सोचने वाली बात यह है कि क्या एक्सपायर वैक्सीन लेना खतरनाक हो सकता है?

तो आइये सबसे पहले समझते हैं कि शेल्फ लाइफ क्या होती है?

टीके आमतौर पर जटिल और महंगे होते हैं। यह रसायनों की तुलना में कम स्थिर होते हैं और तापमान परिवर्तन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। अन्य दवाओं की तरह, टीके भी एक ‘एक्सपायरी डेट’ के साथ आते हैं। जिसका अर्थ है कि इसे कब तक संग्रहीत और रोगियों पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

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भारत में, दवा एजेंसी यह निर्धारित करने के लिए कई स्थिरता आकलन करती है कि कोई विशेष दवा उत्पाद कितने समय तक सुरक्षित और प्रभावी रह सकता है। जिसे इसकी शेल्फ लाइफ के रूप में जाना जाता है।

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बच्चों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध है। चित्र:शटरस्टॉक

क्या माता-पिता को टीके की ‘एक्सपायरी डेट’ के बारे में चिंतित होना चाहिए?

यह देखते हुए कि सीडीएससीओ ने पहले ही टीके की शेल्फ लाइफ के विस्तार को मंजूरी दे दी है, इस मामले में चिंता का कोई कारण नहीं है। ऐसे समय में टीका लगवाना अनिवार्य हो गया है और जितनी जल्दी हो सके, खुद को और अपने बच्चों को टीका लगवाएं।

किसी वैक्सीन की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है?

जब टीके विकसित किए जाते हैं, तो निर्माता स्थिरता मूल्यांकन अध्ययन करना जारी रखते हैं। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीके कितने समय तक सुरक्षित और उपयोग के लिए प्रभावी रहेंगे।

प्रत्येक गुजरते महीने के साथ, वैज्ञानिकों को वास्तविक समय में टीकों का मूल्यांकन करने के लिए एक लंबी अवधि दी जाती है। जिससे उन्हें यह देखने की अनुमति मिलती है कि क्या किसी वैक्सीन की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया गया है कि भारत में इसके राष्ट्रीय COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत एक्सपायर्ड टीके लगाए जा रहे हैं। यह गलत, भ्रामक और अधूरी जानकारी पर आधारित है।”

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वैक्सीन की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है. चित्र : शटरस्टॉक

क्या अन्य टीकों की शेल्फ लाइफ बढ़ा दी गई है?

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने 25 अक्टूबर 2021 को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के पत्र के जवाब में कोवैक्सिन (होल विरियन, इनएक्टिवेटेड कोरोनावायरस वैक्सीन) की शेल्फ लाइफ को नौ महीने से बढ़ाकर 12 महीने करने की मंजूरी दी थी, मंत्रालय ने कहा।

इसी तरह, राष्ट्रीय नियामक द्वारा 22 फरवरी 2021 को कोविशील्ड की शेल्फ लाइफ को छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने कर दिया गया है।

कोवैक्सीन (Covexin) और कोविशील्ड (covishield) के अलावा, अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने जुलाई 2021 में जॉनसन एंड जॉनसन सिंगल-डोज़ कोविड-19 वैक्सीन की शेल्फ लाइफ साढ़े चार महीने से बढ़ाकर छह महीने कर दी थी।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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