बचपन या टीनएज में मोटे रहे लड़कों के लिए मुश्किल हो सकता है बड़े होकर पिता बनना 

बच्चों में बढ़ते मोटापे के मद्देनजर यह शोध चिंता बढ़ा रहा है। जिसमें दावा किया गया है कि मोटापे से ग्रस्त लड़काें के अंडकोष का आकार छोटा रह जाता है। 
Bachcho me badhta motapa diabetes ka risk badha sakta hai
बच्चाें में बढ़ता मोटापा उनके लिए डायबिटीज का रिस्क बढ़ा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 15 Jun 2022, 19:45 pm IST
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इस वर्ष 13-19 जून तक मनाया जा रहा पुरुष स्वास्थ्य सप्ताह (Men’s health awareness week) का समापन फादर्स डे (Father’s Day) के साथ हो रहा है। यह सप्ताह लड़कों और पुरुषों के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण पर केंद्रित है। पुरुषों का यौन स्वास्थ्य (Men sexual health) एक ऐसा मुद्दा है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। पर वास्तविकता यह है कि बढ़ता वजन पुरुषों के यौन स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं जो पुरुष अपने बचपन में बहुत मोटे रहे होते हैं, उनके भी वयस्क होने पर पिता बनने की संभावना अन्यों की तुलना में कम होती है। 

समाज महिलाओं को बच्चा पैदा करने में असमर्थता के मामले में अधिक दोष देता है, पर पुरुष भी  गर्भधारण कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्या आप जानती हैं कि यदि कोई पुरुष अपने 30s में है और उसकी जीवनशैली अनिश्चित और अव्यवस्थित है, तो उसमें बांझपन की संभावना ज़्यादा होगी?

इनफर्टिलिटी का पहला संकेत क्या हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार यदि कोई दंपत्ति नियमित रूप से असुरक्षित संभोग करने के 12 महीने या उससे अधिक समय के बाद भी गर्भधारण करने में सक्षम नहीं है, तो इसका मतलब है कि दंपति बांझपन से जूझ रहे हैं और उन्हें डॉक्टर की सलाह लेने की आवश्यकता है।

पुरुष बांझपन पर क्या कहते हैं तथ्य

पुरुषों में बांझपन का कारण शरीर में मौजूद विकार, पर्यावरण या अव्यवस्थित जीवन शैली हो सकते हैं:

1. शरीर में मौजूद विकार

यह नसों (varicocele) की सूजन, संक्रमण, ट्यूमर, हार्मोनल मुद्दों या अंडकोष के नीचे आने के कारण हो सकता है।

2. जीवन शैली 

धूम्रपान और शराब पीने जैसी आदतें पुरुष प्रजनन क्षमता पर बहुत अधिक प्रभाव डालती हैं, क्योंकि वे शुक्राणुओं की संख्या और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकती हैं। अधिक वजन होने से भी पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन होता है।

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अंडकोष में शुक्राणु भी कम हो जाते हैं, चित्र: शटरस्टॉक

3. पर्यावरण

यदि कोई व्यक्ति हानिकारक विकिरण या गर्मी के संपर्क में आता है, तो उसकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। यहां तक ​​कि आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे सेल फोन, टैबलेट और लैपटॉप भी पुरुष प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डाल सकते हैं।

क्या है मोटापे और पुरुष बांझपन के बीच संबंध 

पुरुष बांझपन से जुड़े हुए एक नए शोध ने यह दावा किया गया है कि बचपन और किशोरावस्था के दौरान हेल्दी वेट मेंटेन करे से पुरुष बांझपन को रोका जा सकता है।  इस बारे में 11 जून को अटलांटा, जॉर्जिया में एंडोक्राइन सोसायटी की वार्षिक बैठक, ENDO 2022 में शोधकर्ताओं द्वारा निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए थे।

अध्ययन के अनुसार, अधिक वजन वाले या बचपन में मोटापे की समस्या वाले बच्चों और किशोरों में इंसुलिन या इंसुलिन प्रतिरोध के उच्च स्तर के अलावा छोटे अंडकोष की समस्या भी हो सकती है। जबकि सामान्य वजन और इंसुलिन के स्तर वाले बच्चों के साथ ऐसा नहीं है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ 

इटली में कैटेनिया विश्वविद्यालय के एमडी, लीड शोधकर्ता रॉसेला कैनरेला ने कहा, “बचपन और किशोरावस्था में शरीर के वजन का अधिक सावधानीपूर्वक नियंत्रण रखा जाना उम्र बढ़ने पर टेस्टिकुलर फ़ंक्शन को बनाए रखने में मदद कर सकता है।” उन्होंने कहा कि पुरुषों में बांझपन की दर बढ़ रही है, दुनिया भर में पिछले 40 वर्षों की अवधि के दौरान उनमें मौजूद औसत शुक्राणु संख्या आधी हो गई है।

बहुत कम लोगों को पता है कि, वृषण का आकार यानी टेस्टिकल साइज  (testicle size अंडकोष के आकार का माप) वास्तव में सीधे शुक्राणुओं की संख्या से जुड़ा होता है। छोटे अंडकोष कम शुक्राणु पैदा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि दुनिया भर में मौजूद 18-19 वर्ष की आयु वर्ग के एक-चौथाई युवा पुरुषों का टेस्टिकल साइज़ छोटा है या सामान्य से छोटे अंडकोष होते हैं। जो उनकी भविष्य की प्रजनन क्षमता को खतरे में डालते हैं। कैनरेला के अनुसार, यह ऐसे समय में हो रहा है जब बचपन में मोटापे का प्रचलन बढ़ गया है।

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