सेक्स दो लोगों के बीच सम्बंधो को गहरा करने और प्यार बढ़ाने का जरिया है। यह रिश्ते की आत्मीयता को बढ़ाता है और दोनों ही पार्टनर को सुख और आनंद मिलता है। लेकिन कई महिलाएं सेक्स के बाद खुशी महसूस नहीं करतीं, बल्कि परेशान हो जाती हैं। यहां तक कि कई महिलाएं सेक्स के बाद रोने लगती हैं।
अगर आपको यह स्थिति खुद के जैसी लगती है और आपको लगता था कि यह सिर्फ आप के साथ ही होता है, तो हम आपको बता दें कि यह बहुत सामान्य समस्या है। साइंस में इस समस्या को पोस्ट कॉइटल डिस्फोरिया (PCD) कहते हैं।
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर सेक्सुअल मेडिसिन के अनुसार, कुछ महिलाओं में सेक्स के बाद बहुत सी भावनाएं उमड़ आती हैं जिसके कारण वे सेक्स के बाद रोती हैं। इसका यह अर्थ नहीं होता कि उन्हें सेक्स के दौरान आनंद नहीं मिला। सुखी और प्रेम से परिपूर्ण सेक्स के बाद भी महिलाएं रो सकती हैं।
“कभी कभी सेक्स के दौरान महिलाएं इतनी उत्तेजित हो जाती हैं कि उनके दिमाग की सभी कोशिकाएं एक साथ काम करने लगती हैं। इससे उन्हें हर प्रकार की भावनाएं महसूस होने लगती हैं। रोना दरअसल रिलैक्स करने का एक तरीका है। रो कर आपका दिमाग शांत होता है।”, बताती हैं क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ भावना बर्मी।
वह बताती हैं, “दर्द के अलावा भी PCD के कई कारण हो सकते हैं, यह जानना जरूरी है।”
सेक्स के बाद क्या आप और आपके पार्टनर बात करते हैं? क्या आप दोनों कडल करते हैं? हम आपको बता दें कि आपके भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए सेक्स के बाद वाली कडलिंग बहुत जरूरी है। इससे व्यक्ति को महत्वपूर्ण महसूस होता है।
यही कारण है कि सेक्स के बाद प्रेम या लगाव की कमी आपको अवांछित महसूस कराती है। यही कारण है कि आप भावनाओं से भर जाती हैं जो आंखों के रास्ते बाहर आते हैं।
कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं अपने शरीर को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं होतीं, और उनको अपने शरीर के लिए शर्मिंदगी महसूस होती है। यही कारण है कि वह सेक्स के बाद रोती हैं।
इसके अलावा कोई सेक्सुअल असाल्ट या खराब अनुभव दिमाग पर हमेशा के लिए असर डालता है। कई बार सेक्स का अनुभव उन्हें उस बुरे ट्रॉमा की याद दिलाता है, जिसके कारण महिलाओं में सेक्स के बाद रोना बहुत आम पाया गया है।
सेक्स के विषय में अगर किसी के विचार बहुत संकीर्ण हैं या टैबू ग्रस्त हैं, तो भी उन्हें सेक्स के बाद शर्मिंदगी महसूस हो सकती है।
“जब कोई महिला बहुत समय बाद अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाती है, तो भरी हुई सेक्सुअल एनर्जी एकदम से बाहर निकलती है। और इससे आंखें खुशी के आंसू से भर सकती हैं”, कहती हैं डॉ बर्मी।
हॉर्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन बहुत सामान्य है। पोस्टपार्टम समय में यदि सेक्स होता है तो भावनाओं के कारण महिलाएं रोने लगती हैं।
वह बताती हैं,”PCD का दर पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझ रही महिलाओं में अधिक देखा जाता है। अगर यह बार-बार हो रहा हो तो एक्सपर्ट से सलाह लें।”
पुरुषों की तरह ही महिलाओं में भी परफॉर्मेंस एंग्जायटी होती है। अगर कुछ भी उनके अनुसार न जाए तो उन्हें तनाव हो जाता है और तनाव का सीधा प्रभाव रोना ही होता है।
वे आगे जोड़ती हैं,”क्या आपके पार्टनर आपसे संतुष्ट हैं? यह सवाल अक्सर सभी के मन में होता है। यही दबाव जब बहुत अत्यधिक हो जाए तो परिणाम रोना ही होगा।”
कई ऐसी स्टडी हैं जो यह सुझाती हैं कि 32 से 46 प्रतिशत महिलाएं PCD अनुभव करती हैं। अमूमन यह बहुत सामान्य होता है और चिंता की कोई बात नहीं होती।
तो आप अकेली नहीं हैं! खुद को ब्लेम न करें। अपने पार्टनर से बात करें और अगर आपको जरूरत लगे तो एक्सपर्ट से मदद भी लें।