मुझे याद आता है जब मेरे एक कॉलेज की दोस्त ने इसका जिक्र किया कि वो टैंपोन इस्तेमाल करती है। मैं हैरान थी ! मैंने सोचा हम छोटी उम्र की लड़कियां हैं, बस 19 साल और मैंने स्कूल के समय में सुना था कि इसे वहीं महिलाएं इस्तेमाल करती हैं जिनके बच्चे हो चुके हों।
जैसे ही मैंने यह जाना, मैंने कहा तुमने यह कैसे पहन लिया तुम्हारे तो बच्चे भी नहीं है? तुम अपने हैमेन को नुकसान पहुंचा सकती हो? उससे भी खतरनाक तुम अपनी योनि को नुकसान पहुंचा कर बांझपन का शिकार हो सकती हो?
किस्मत से उसकी मां एक गयनेकोलॉजिस्ट थीं और उसने अपनी मां के द्वारा मिली हुई सारी जानकारी और ज्ञान मुझे दिया। उसने मुझे समझाया टैंपोन के फायदो के बारे में, पर मैं अभी भी उस पर यकीन नहीं कर रही थी। बहुत सी भारतीय लड़कियां ऐसी पर्याप्त जानकारी नहीं पा सकती, जिनकी उन्हें सच में जरूरत है।
वह अपने बहुत से सवाल अनसुलझे ही छोड़ देती हैं। जिस कारण उन्हें सही मेंस्ट्रुअल हाइजीन प्रोडक्ट्स के बारे में पता ही नहीं चल पाता।
हमने डॉक्टर मधु गोयल जोकि एसोसिएट डायरेक्टर एंड ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट ऑफ फोर्टिस लाफ़ेम में दिल्ली में कार्यरत हैं। हमने उनसे जानने की कोशिश की, भारतीय महिलाएं टैंपोन इस्तेमाल करने को लेकर इतनी जागरूक क्यों नहीं है। डॉक्टर के अनुसार इसके 3 बड़े कारण हैं
डॉक्टर गोयल कहती हैं इन तक सही जानकारी पहुंच ही नहीं पाती, चाहे हम मेंसुरेशन जानकारी की बात करें या किसी और जागरूक मुद्दे की। इसलिए वह मेंसुरेशन कप और मेंसुरेशन फ्लो दोनों को मैनेज करने के प्रति जागरूक नहीं हो पाती।
वे महिलाएं जो भारत में पली बढ़ी है इस बात की पुष्टि कर सकती हैं। वे कहती हैं कि हमें कभी भी मेंसुरेशन हाइजीन और उसके रक्त प्रवाह को कैसे मैनेज किया जाए नहीं सिखाया जाता। फिर इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए कि अगर हम टैंपोन के बारे में नहीं जानते हैं। लेकिन मेंसुरेशन कप के बारे में जानते भी हो, हम फिर भी यह नहीं जानते कि उसको इस्तेमाल में कैसे लाया जाए। हम यह भी नहीं जानते जो फायदे इसके बताए जाते हैं वह कितने सत्य हैं ?
उपलब्धता भी एक बड़ा मुद्दा है, हालांकि टैंपोन और मेंस्ट्रुअल कप को लेकर जानकारी कम है फिर भी दुकानों पर या दुकानदारों में भी इसको लेकर कोई ज्यादा डिमांड नहीं देखने को मिलती। बहुत सी महिलाएं जो इसके बारे में जानती भी हैं इससे मांगने में और खरीदने में अक्सर हिचक जाती हैं। इसे इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए या करना भी चाहिए या नहीं इस पर एक टैबू है।
इसलिए यह बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होता जैसे युवा लड़कियों के लिए और महिलाओं के लिए खासकर उनके लिए जो मेंस्ट्रुटिंग ऐज ग्रुप में शामिल होती है।
जैसे कि मेरा खुद का अंदाजा था इसके बारे में, जब मैंने अपनी फ्रेंड से स्कूल में सुना। हम सब कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ मिस इंफॉर्मेशन लेकर घूमते हैं इस प्रोडक्ट को लेकर। जो हमारे आस पास एक टैबू का रूप ले लेता है। कुछ लोगों को लगता है कि यह हमारी योनि को ढीला कर देगा उसे चोट पहुंचा देगा या यह इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
डॉक्टर गोयल एक्सप्लेन करती हैं, “सबसे ज्यादा जानकारी जो महिलाओं के पास इस प्रोडक्ट को लेकर होती है वह किसी के सिखाने से नहीं आती। बल्कि वह तो केवल वही जानकारी होती है जो उनके रिश्तेदारों दोस्तों और खासकर महिला रिश्तेदारों के द्वारा बनाई हुई होती है। बस इसी तरह से यह टैबू एक से दूसरे तक दूसरे से तीसरे तक तथा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंच जाता है।”
हमने उनसे पूछा, फिर यह बताइए कि आखिर असलियत क्या है? टैंपोन और मेंस्ट्रुअल कप पर कितने सच अथवा मिथक ऐसे हैं जो महिलाओं ने अपने अंदर पाल रखे हैं और हमें उन्हें समझने की जरूरत क्यों है?
डॉक्टर गोयल समझाती हैं, “इनमें से कोई भी मिथक सच नहीं है। टैंपोन और मेंसुरेशन कप को बल्कि इनमें से किसी भी प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से आपका मेंसुरेशन फ्लो सुचारू रूप से चलता है। आप इन्हें सेनेटरी नैपकिन जिन्हें केवल 4 से 5 घंटे तक ही पहना जा सकता है से भी अधिक समय तक पहन सकती हैं।
दूसरी सबसे एहम बात यह कि किसी भी तरीके की उलझन नहीं पैदा करते जिस तरीके से पैड करते हैं, क्योंकि यह सारा रक्त सोख लेते हैं और कुछ लीक नहीं होने देते। इसलिए आपकी चिंता जो कि दाग लगने को लेकर सबसे ज्यादा होती है वह खत्म हो जाती है। इसके इस्तेमाल से बार-बार आपको वॉशरूम नहीं जाना पड़ता। तीसरी बात यह आपको रैशेज भी कम करेंगे और सुविधाजनक होंगे और सबसे आखिर में सबसे हम बात यह ईको-फ्रेंडली है और वेस्ट भी कम करते हैं।
अंत में वह कहती हैं, एक बार अगर आप इसके आदि हो जाते हैं सही तरीके से इसे अपना लेते हैं। तब आप ज्यादा कंफर्टेबल हो जाएंगे चिंता मुक्त हो जाएंगे अपने पीरियड के दौरान।
परिवर्तन प्रकृति का नियम है और हम सब इसके आदी हैं। लेकिन, महिलाएं अगर अपनी पर्सनल हाइजीन पर बात करें तो वह उस समय परिवर्तन को जरा कम ही अपनाती हैं। हम उनसे कहना चाहेंगे कि समय आ गया है अपनी सोच को थोड़ा सा शिफ्ट करें और समझें यह प्रोडक्ट भारतीय महिलाओं के पक्ष में बहुत फायदा पहुंचा सकता है।