बुजुर्ग होते माता-पिता की स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारी समस्याएं होती हैं। उन्हें कमजोर हड्डियों और गठिया की वजह से होने वाले जोड़ों के दर्द से लेकर रक्तचाप और शुगर से संबंधित चिंताओं तक सब से निपटना पड़ता है। हाल ही में, मैंने अपनी मां को अपने घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए एक विशेष तेल का उपयोग करते हुए देखा, और इसने मेरी उत्सुकता को बढ़ा दिया। उन्होंने मुझे बताया कि यह आक (Aak) या सदोम सेब के पेड़ से बना एक प्लांट बेस्ड ऑयल है, जिसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं।
आक के पेड़ (Aak plant) को मदार के पेड़ के रूप में भी जाना जाता है। इसके अधिकांश भाग- पत्ते, फूल, जड़ें और बीज, का उपयोग हर्बल या आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि आक के पौधे को छूने मात्र से कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज हो सकता है, इसे खाने की भी ज़रुरत नहीं पड़ती। यह सब जानने के बाद क्या यह आपको जादुई नहीं लगता?
इसके फायदों से जो अनजान हैं उनके लिए बता दें कि आक का पौधा एक सामान्य घरेलू उपचार है और हम में से कई लोगों ने, मेरी ही तरह, अपनी मां या दादी-नानी को बीमारियों के इलाज के लिए इसके तेल या पत्तियों का उपयोग करते देखा होगा। इसकी पत्तियों के तेल का उपयोग मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए किया जाता है।
यहां हैं आक के तेल के फायदे
1. जोड़ों के दर्द का उपचार
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर पोस्ट किए गए कैलोट्रोपिस गिगेंटिया (आक के पत्तों का वैज्ञानिक नाम) पर एक अध्ययन से पता चलता है कि आक के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अपने इस गुण के कारण यह गठिया या घुटने के दर्द की समस्या वाले लोगों के लिए यह बहुत अच्छा होता है।
अध्ययन के अनुसार इसका उपयोग रुमेटेड पेन ( rheumatic pain) के लिए किया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपचार हो सकता है, जो कोविड के कारण होने वाले मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं। दर्द वाली जगह पर थोड़ा सा तेल लगाएं, इसे सूखे आक के पत्ते से ढक दें और ऊपर पट्टी से लपेट दें। ऐसा 5-6 दिनों तक करने से इन्टरनल और बाहरी सूजन दोनों कम हो सकती है।
यदि आप ट्रेक पर हैं या सांप या बिच्छू ने काट लिया है, तो आपको बस एक आक का पत्ता ढूंढना है। अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, इसमें जहर विरोधी प्रभाव होते हैं। इसके पत्तों के लेप को काटे हुए स्थान पर लगाने से घाव का उपचार हो जाता है। वैज्ञानिक क्रिश्चियन अग्यारे ने जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलॉजी, 2016 में लिखा है कि आक ऐसे घावों को भर सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर 2011 के एक अध्ययन से पता चलता है कि आक के पत्तों में हाइपोग्लाइसेमिक होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है और मधुमेह रोगियों में इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इन पत्तों का उपयोग मधुमेह के इलाज के लिए हर्बल दवाओं के रूप में किया जा सकता है।
एक अन्य घरेलू उपाय यह है कि अपने पैरों की नोंक पर दो आक के पत्ते लगाकर उनके ऊपर मोज़े पहनें। ऐसा पूरे दिन के लिए करें और अगली सुबह ब्लड शुगर टेस्ट करें; दावों के अनुसार, शर्करा स्तर में कमी आएगी।
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कस्टमाइज़ करेंआक के फूल या बीज का सेवन करने से कब्ज, गैस, सूजन और पाचन संबंधी समस्याओं जैसे पेट की समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। इसके फूल एक अच्छे रेचक के रूप में कार्य करते हैं और आसान पाचन (easy digestion) को बढ़ावा देते हैं।
अनुजा भारद्वाज द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, हाई एल्टीट्यूड पैथोफिजियोलॉजी, 2018 के प्रबंधन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, आक के फूलों या जड़ों (धूप में सुखाकर पाउडर में बनाया जाता है) का सेवन सांस संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपचार है। जैसे अस्थमा, सर्दी, खांसी, राइनाइटिस आदि। कभी धूप तो कभी बदलते मौसम में आपको कई बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे में इस तरह की तमाम समस्याओं से बचने के लिए अपने बड़ों की बात सुनें और इस घरेलू उपाय को ज़रूर आजमाएं।
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