लगातार फिजिकल एक्टिविटी करने या गर्मी महसूस होने पर ठंडा पानी पीने का मन करता है। फिर गर्म पानी कैसे पिया जाए? लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि स्वास्थ्य के लिए ठंडा पानी नहीं, बल्कि गुनगुना पानी ज्यादा अच्छा है। गुनगुना पानी न सिर्फ पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, बल्कि वेट लॉस में भी मदद करता है। इसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हो सकते हैं। आयुर्वेद मानता है कि शरीर के दोषों को संतुलित करने में मदद करता है सुबह उठकर खाली पेट गुनगुना पानी पीना। एलोपैथ के अनुसार, यदि आप कई तरह की बीमारियों से बचाव (Cold Water Vs Lukewarm Water) करना चाहती हैं, तो गुनगुना पानी पी सकती हैं।
हालांकि इस बात को शोध प्रमाणित नहीं कर पाते हैं कि ठंडा पानी स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हानिकारक है। यह ध्यान देने वाली बात है कि ठंडा, रूम टेम्परेचर पर रखा गया पानी या गुनगुना पानी तीनों ही हमें हाइड्रेटेड रखते हैं। हालांकि गुनगुना पानी पीने के अपने फायदे हैं।,यह विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है और पाचन में मदद करता है। हाइड्रेटेड रहने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।
शारदा हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा में अस्सिटेंट प्रोफेसर (इंटरनल मेडिसिन) डॉ. श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं, ‘ठंडा पानी पीने से बलगम (mucus) गाढ़ा हो सकता है। इससे सांस लेने में कठिनाई, सिरदर्द, जुकाम, दांतों में सेंसिटीविटी, गैस्ट्रिक खाली करने (Gastric Emptying) में देरी, तनाव हो सकता है। इससे अचलासिया (achalasia) बढ़ सकता है। यह एक दुर्लभ बीमारी है, जो भोजन को अन्नप्रणाली से पेट तक ले जाना मुश्किल बना देती है।
जब हम ठंडे पानी का सेवन करते हैं, तो इससे हमारे ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं। इससे पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसके कारण सूजन, ऐंठन और यहां तक कि कब्ज की भी समस्या हो सकती है।’
डॉ. श्रेय श्रीवास्तव के अनुसार, गुनगुना पानी के सेवन से शरीर का तापमान बढ़ सकता है। शरीर का तापमान धीरे-धीरे बढ़ने पर हमारा मेटाबॉलिक सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है। यह शरीर के लिए फायदेमंद होता है। यदि सुबह गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पिया जाता है, तो यह शरीर को ज्यादा फायदा देता है।
डॉ. श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं, ‘गुनगुना पानी पीने से शरीर का चयापचय सक्रिय (Active Metabolism) हो सकता है। इससे पूरे दिन अधिक वसा जलती रहती है। गुनगुना पानी पीने से आंत साफ हो जाता है। शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को खत्म करने में भी मदद मिलती है। ये ब्लोटिंग और शरीर में वाटर रिटेंशन का कारण बन सकते हैं।
आम तौर पर आंत में फंसा हुआ अपशिष्ट पदार्थ कब्ज और पेट दर्द का कारण बनता है। गुनगुना पानी पीने (Cold Water Vs Lukewarm Water) से आंतों की संकुचन की प्रक्रिया तेज हो सकती है। पाचन तंत्र सक्रिय हो सकता है। पानी पाचन तंत्र के अंगों के साथ लयूब्रीकेंट या चिकनाई के रूप में काम करता है। यह हाइड्रेट कर टोक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है।
लयूकवार्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इससे अंतःस्रावी तंत्र सक्रिय हो जाता है, जिससे पसीना आना आसान हो जाता है। पीरियड के दौरान पेट दर्द को दूर करने में भी यह मदद करता है।
जिन लोगों के दांत संवेदनशील हैं और उनमें कैविटी है, तो वे ठंडा पानी नहीं पीयें। यह ओरल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ मामलों में ठंडा पानी दांतों में की गयी फिलिंग को भी नुकसान पहुंचा (Cold Water Vs Lukewarm Water) देता है। गुनगुना पानी संवेदनशील दांतों को आराम (Lukewarm water for oral health) पहुंचाता है।
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