अगर आपने अभी हाल ही में बेबी को जन्म दिया है, तो आपके दिमाग मे लाखों चिंताएं होंगी। बच्चे की देखभाल से लेकर कोविड-19 (Covid-19) के खतरे तक, हम आपका डर और चिंता समझ सकते हैं। आपको दोस्तों और रिश्तेदारों से अलग-अलग सलाह भी मिल रही होगी, आपने गूगल का भी सहारा लिया होगा।
लेकिन हम सबसे विश्वसनीय स्रोत से आपके सवालों का जवाब लाये हैं।
क्या बुखार आने पर ब्रेस्टफीडिंग सेफ है? हमने इस सवाल के जवाब के लिए नयति मेडिसिटी हॉस्पिटल की गायनोकॉलोजिस्ट और सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रीति भदौरिया से बात की।
कोविड-19 संक्रमण जंगल की आग की तरह फैल रहा है। ऐसे में हम हल्के से सर्दी जुकाम को भी कोरोनावायरस का संकेत समझ कर डर जाते हैं। डर होना जरूरी है लेकिन इतना भी नहीं कि आप नॉर्मल फ्लू को कोविड-19 समझने लगें। हमें यह बात ध्यान रखनी होगी कि यह वायरल बुखार का मौसम है।
डॉ भदौरिया कहती हैं,”ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडी होती हैं, जो शिशु को फ्लू से बचाने के लिए पर्याप्त हैं। साथ ही ब्रेस्ट मिल्क आपके बच्चे के पोषण का एकमात्र स्रोत है। अगर आपको कॉमन फ्लू है तो वह आपके बच्चे को नहीं होता, उल्टा ब्रेस्ट मिल्क उसको किसी भी इंफेक्शन से बचाएगा।”
डॉ भदौरिया बताती हैं,”ब्रेस्ट मिल्क बच्चे को इंफेक्शन से बचाता है, इसलिए ब्रेस्ट मिल्क शिशु के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे उसके आहार से घटाया नहीं जा सकता।”
साथ ही कोविड-19 रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स से फैलता है। ब्रेस्टफीडिंग से कोरोना वायरस के ट्रांसफर होने को लेकर कोई गाइडलाइंस अभी जारी नहीं हुई हैं।
WHO के अनुसार कोविड-19 पॉजिटिव महिलाएं अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड करवा सकती हैं, बस प्रीकॉशन्स बरतें।
डॉ भदौरिया का कहना है,”अभी तक कोरोना वायरस के ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद होने की कोई रिसर्च नहीं आयी है। लेकिन चूंकि यह बीमारी नई है और इसके बारे में नई जानकारी अभी आ रही हैं इसलिए प्रीकॉशन्स बरतना समझदारी है।”
अगर आप कोविड-19 पॉजिटिव हैं, तो अपनी गायनोकॉलोजिस्ट से इस विषय में सलाह लें।
डॉ भदौरिया सलाह देती हैं, “ब्रेस्ट मिल्क से कोरोना वायरस नहीं फैलता लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान संक्रमण फैलने के बहुत चान्सेस हैं, इसलिए इन प्रीकॉशन्स को ज़रूर बरतें।”
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कस्टमाइज़ करें1. शिशु को छूने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
2. छींकते-खांसते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करें जिसे तुरन्त डस्टबिन में डालें। तौलिये या रूमाल का प्रयोग न करें। हर बार छींकने या खांसने के बाद हाथ धोएं।
3. अपने चेहरे को छूने से बचें।
4. ब्रेस्टफीडिंग करने से पहले अपने ब्रेस्ट को साबुन और पानी से धोएं और साफ तौलिये से पोछें।
5. ब्रेस्टफीड करवाते वक्त मास्क पहनकर बैठें। शिशु को किस करने से भी बचें।
अगर आपकी तबियत इतनी खराब है कि आप ब्रेस्टफीड नहीं करवा सकतीं, तो यह करें-
1. मिल्क बैंक से सर्टिफाइड डोनर से दूध ले सकती हैं।
2. घर की ही किसी हेल्दी महिला से बच्चे को फीड करवा सकती हैं। ध्यान रखें कि वह महिला भी सभी प्रीकॉशन्स बरते।
3. रीलैक्टेशन- रिकवरी के कुछ दिन ब्रेस्टफीड न करें और फिर ब्रेस्ट फीडिंग दोबारा शुरू कर लें।