वेजाइनल कैंसर योनि में होने वाला एक दुर्लभ किस्म का कैंसर है। यह ऐसी नली में होता है जो आपके गर्भाशय को आपके बाहरी जननांगों से जोड़ती है। योनि कैंसर सबसे अधिक उन कोशिकाओं में होता है, जो आपकी योनि की सतह से जुड़ी होती हैं। जिसे हम बर्थ कैनाल (Birth Canal) या गर्भाशय गुहा के नाम से जानते हैं।
4 फरवरी को दुनिया भर में विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य लोगों को कैंसर जैसी घातक बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरुक करना है। महामारी के समय में जब ज्यादातर महिलाएं तनाव और अकेलेपन का सामना कर रहीं हैं, तब आपको अपनी सेहत के बारे में जानना और भी ज्यादा जरूरी है। सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर या सर्वाइकल कैंसर ही नहीं, बल्कि वेजाइनल कैंसर भी महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2020 में दुनियाभर में 17,908 महिलाएं वेजाइनल कैंसर से ग्रस्त हुईं। जिनमें से 7,995 महिलाओं की मृत्यु हो गयी।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी (American Cancer Society) द्वारा किये गये शोध में सामने आया है कि हमारे शरीर में मौजूद कुछ जीन (Genes) सेल्स जैसे ओंकोजींस (Oncogenes) और टयुमर सप्प्रेस्सर (Tumor Suppressor) शरीर में सेल्स की ग्रोथ को नियंत्रित करते हैं, जो आगे जाकर कैंसर सेल्स में परिवर्तित हो जाते हैं।
इस शोध में यह भी संदेह जताया गया कि एचपीवी (Human Papllioma Virus) भी वेजाइनल कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकता है। साथ ही एचपीवी के टीके को इसके समाधान के तौर पर भी देखा गया।
प्रारंभिक चरण योनि कैंसर के इलाज का सबसे अच्छा मौका है। योनि कैंसर जो योनि से आगे फैलने लगता है, उसका इलाज करना ज्यादा कठिन हो जाता है।
ज़्यादातर मेनोपॉज की बाद महिलाएं इसकी चपेट में आती हैं। उनकी प्रजनन और यौन सक्रिय उम्र में ही मौजूद रहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण लापरवाही है। हम यहां वेजाइनल कैंसर के कुछ संभावित कारणों के बारे में बता रहे हैं।
आपकी छोटी सी लापरवाही आपको वेजाइनल कैंसर होने के खतरे को बढ़ा सकती है, इसलिए इन बातों का रखें खास ख्याल।
छोटी उम्र में सम्भोग करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। छोटी उम्र की लड़कियों की योनि सेक्स के लिए तैयार नहीं होती। हालांकि हर महिला का शरीर अलग-अलग होता है, पर अपरिपक्व उम्र में सेक्स की शुरूआत वेजाइनल हाइजीन के प्रति लापरवाही का कारण बन सकती है।
कुछ अध्ययनों में यह भी सामने आया है कि एक से अधिक पार्टनर या अनसेफ सेक्स भी योनि में संक्रमण का कारण बन सकता है। जो आगे चलकर वेजाइनकल कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकता है। जरूरी है कि सेक्स के दौरान पर्सनल हयजीन का ख़ास ख्याल रखें और कॉन्डोम का इस्तेमाल करना बिलकुल न भूलें।
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कस्टमाइज़ करेंयदि आपको स्मोकिंग की आदत है, तो संभल जाइये, आप वेजाइनल कैंसर को बुलावा दे सकती हैं। धूम्रपान करने से आपके शरीर में हार्मोनल डिसबैलेंस पैदा हो सकता है जो आपके अनियमित पीरियड्स का कारण भी बन सकता है।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी में अवांछित गर्भपात को भी वेजाइनल कैंसर का दोषी पाया गया है। इसके लिए इस्तेमाल किए गए टूल अथवा दवाएं वेजाइनल कैंसर कोशिकाओं के निर्माण को प्रेरित करता है। असुरक्षित गर्भपात योनि में संक्रमण को न्यौता देता है।
अगर शुरूआती चरण में योनि कैंसर को पहचान लिया जाए तो उसका निदान संभव है। यहां कुछ संकेत हैं, जिनसे आपको सतर्क हो जाना चाहिए
अगर आपकी पीरियड साइकिल काफी समय से इर्रेगुलर हैं या रजोनिवृति के बाद भी कभी-कभी आपकी योनि से खून आता है, तो ये एक चिंताजनक विषय हो सकता है। ज़रूरी नहीं कि ये वेजाइनल कैंसर का लक्षण हो। कई बार इस तरह के लक्षण मामूली संक्रमण में भी हो सकते हैं। आपको इन पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है।
ज़्यादातर महिलाएं वेजाइनल डिस्चार्ज की समस्या से जूझती रहती हैं। इसके बावजूद वे इस पर ध्यान नहीं देतीं। कई बार ऐसे लक्षण अन्य यौन संबंधी रोगों से भी जुड़े हुए हो सकते हैं। अगर ऐसा ज्यादा होता है, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेने की ज़रुरत है।
यदि आपको बार-बार पेशाब जाना पड़ रहा है और पेशाब करते वक़्त दर्द महसूस हो रहा है, तो आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। पेशाब में अन्य कोई परिवर्तन नज़र आ रहें हैं तो भी यह कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है लेकिन सही समय पर इसका पता लग जाए तो काफी हद तक इस पर काबू पाया जा सकता है। तो आइये जानते हैं कि कैसे हम इस बीमारी से बच सकते हैं, सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रखकर।
नियमित रूप से पैल्विक परीक्षा और पैप परीक्षण द्वारा योनि कैंसर का पता चलता है। जब ये प्रारंभिक अवस्था में होता है, तो योनि कैंसर के ठीक होने की अधिक संभावना हो जाती है। यदि आपको भी बताये गये कुछ लक्षण देखने को मिल रहें हैं, तो ग्यानाकोलोगिस्ट से सलाह लेकर ये टेस्ट ज़रूर करवाएं।
अपने डॉक्टर से एचपीवी वैक्सीन के बारे में पूछें। एचपीवी टीकाकरण करने से योनि कैंसर का खतरा कम हो सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपके लिए एचपीवी वैक्सीन उपयुक्त है।
पर्सनल हायजीन का ध्यान रखें जैसे सेक्स करते वक़्त कॉन्डोम का ज़रूर इस्तेमाल करें। सेक्स के बाद खुद को अच्छे से साफ़ करें और अपने अंडरवियर हर रोज़ बदलें। इन सभी बातों का ध्यान रखने से वेजाइनल कैंसर का खतरा कम हो सकता है|
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